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निस्वार्थ प्रेम (8)…..!!!!

January 24, 2023

Shanky❤Salty

जरूरतें अपनी भुला कर
हसरतें मेरी पूरा करते थे
वो और कोई नहीं मेरे मेरे पिता थे
मेरी चीखों को मेरे आँसूओ को
वो मुस्कान में बदलती थी
आज जब वो बूढ़ी हो गई है
तो ना जाने क्यों
हमें उसके जरूरतें
कि चीख-पुकार कानों तक नहीं रेंगती है
यक़ीनन बेटा अब बड़ा हो गया है
पैरों पर खड़ा हो गया है जमाने की चकाचौंध में
वो अपने माँ बाप को भूल गया है
अरसा बीत गया होगा
माँ की गोद में सोए हुए
पर कोई बात नहीं
जब माँ सदा के लिए सोएगी ना
तब हमें उसके गोद की कमी खलेगी
एक अनुभव लिखता हूं मैं
करीब नौ-दस घंटे मैं जंग लड़ रहा था
हाँ वही मृत्यु से दुआओं का दौर चल रहा था मेरे अपनों का
जंग करीब करीब जीत चुका था
खबर भी फैल गई थी जंग में जीत हो गई है
लोग अपने अपने घर चल दिए थे
कुछ लोगों ने खाना खा लिया था
तो कुछ सो चुके थे
पर कुछ ही देर में बाजी पलट चुकीं थी
मृत्यु ने प्रहार शुरू कर दिया था
सफेद चादर से मैं लिपटा था
पल भर में ही खून के फव्वारों से वो लाल हो गया
हार चुका था मैं
शायद मर चुका था मैं
जिंदगी की जंग को चीखता रहा मैं चिल्लाता रहा मैं
पर मृत्यु ने अपनी पकड़ नहीं छोड़ी
मेरे शरीर से मेरे प्राणों को खींच कर
अलग करने ही वाली थी कि तभी
ईश्वर के दूत आए
हाँ माँ पापा आए
माँ मुझको देख हैरान तो हो गई थी
पर मृत्यु उन्हें देख परेशान हो गई थी
पापा ने तुरंत ज़िंदगी के कागज पर
दस्तखत कर जीत का आदेश लिखा
फिर क्या मृत्यु को इजाजत ही नहीं मिली
और खाली हाथ उसे वहाँ से लौटना पड़ा
कहाँ ना मैंने बहुत पहले
जिनके सिर पर माँ-बाप का हाथ होता है
वहाँ पर मृत्यु को भी इज्जात लेनी पड़ती है


निस्वार्थ प्रेम (7)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


Author:

I am Ashish Kumar. I am known as Shanky. I was born and brought up in Ramgarh, Jharkhand. I have studied Electronics and Communication Engineering. I have written 10 books. I have come to know so much of my life that life makes me cry as much as death. Have you heard that this world laughs when no one has anything, if someone has everything, this world is longing for what I have, this world. Whatever I am, I belonged to my beloved Mahadev. What should I say about myself? Gradually you will know everything.

16 thoughts on “निस्वार्थ प्रेम (8)…..!!!!

  1. बिल्कुल लाजवाब शायरी 🌹🙏👌 हमारे हृदय मे अपने माँ बाप केलिए निस्वार्थ प्रेम रखना औंर
    देखपाल करना हमारे ज़िन्दगी का बहुत बडा कर्तव्य और कर्जा भी है ।। उन के मन कि शाँति है
    हमारे जीवन का सब से बडा सुकून , मैं ये मानती हूँ और आप को भी बहुत बधाइयाँ 👏✌️

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    1. बहुत सही कहा❤ प्रेम तो निस्वार्थ ही होना चाहिए जैसा माँ बाप करते है✨🤗❤
      पसंद करने के लिए धन्यवाद🙏💕

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