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The Last Page Of Life

March 12, 2023

Shanky❤Salty

The Last Page of Life is a very good book.
If you want to read a heart of Woman, then I will highly recommend you this outstanding book because the topics are very real and you will surely get answers to your questions.
If you are down in your life, then go ahead with this book.
It’s a good book to read in a poetic way with some deep & truly divine quote.

If you haven’t read this then what did you read?

Must recommend to all just try one.


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The author of this book is Suma Reddy who is sensitive yet strong & simple yet elegant. A mother of 4 years old and a techie by profession.


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महिला दिवस….!!!!

Shanky❤Salty

पूरे साल महिलाओं को आहत करना
उसके होंठों को चुमने की कोशिश करना
स्तनों को घूर कर आँखों की तपिश मिटाना
चिकनी-चुपड़ी बातों में फसा बिस्तर तक
लेटाने का ख्वाब सजाना……
और बस एक दिन चंद कविताओं से
महिलाओं के जख्मों पर मरहम लगा
फिर अपनी औकात दिखाना है

सुना था कुत्ते हड्डीयों पर मरते हैं
पर देखा है कुछ हैवान मेरे जिस्म को
नोचने के लिए जीते हैं
खैर छोड़ों महिला दिवस की शुभकामनाएं
तुम सभी को हम लेट से देते हैं


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छोड़ गए पापा मुझको…..!!!!

February 17, 2023

Shanky❤Salty

ना चाहते हुए भी
वे छोड़ कर गए हमें
शायद उनकी मजबूरी थी
या कहूँ तो मेरे विधाता की मर्जी थी,
पकड़ उंगली चलना सिखाया था मुझको
डांटकर ज़िन्दगी में जीना सिखाया था मुझको
पढ़ा लिखा काबिल बनाया मुझको
पैरों पर खड़ा कर जिम्मेदार बनाया मुझको
सब कुछ सिखाकर ना जाने क्यों छोड़ गए वे मुझको,
किससे कहूँ और कैसे कहूँ और कहां कहूँ
अपने आँसू छुप छुपाए फिरते हैं हम
आपके बाग का फुल था मैं
मुरझाया मुरझाया फिरता हूँ मैं
काश तुम वापस आ जाते
या थोड़ी देर और ठहर जाते,
कैसे कहूँ पापा
तुम मुझे छोड़ कर ना जाते,
कागज पर हम स्याही चला देते हैं
आपके जाने के दर्द को हम कैद कर रख देते हैं
पेड़ की छांव हटते ही सुकून चला जाता है
पापा आपके जाने से
ये बच्चा तड़पता सह रह जाता है,
दिन थम सा गया है और रात का चाँद मानो जम सा गया है
घड़ी की सूई को भी पीछे घुमा कर देख लिया
पर पापा आपका साया मुझको नज़र ना आया
तन्हा ये मंज़र है ख्वाब अब सारे बंज़र है,
कहते हैं लोग
जो आया है वो तो जरूर जाएगा
वक्त के साथ सब बदल जाएगा
पर भला आपकी कमी कौन भर पाएगा,

भरे कंठ लिए जब भी पापा कहता हूँ
भारी दिल लिए अपने शब्दों के साथ आपको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ


Published by ‘Anonymous’ on behalf of Shanky

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The 14th February & Beyond – Official Trailer

February 8, 2023

Shanky❤Salty

The 14th February & Beyond is an award winning documentary film by Utpal Kalal. Recently premiered at the 51st International Film Festival of India. IFFI Goa.

The first ever – and deepest look into Valentine’s Day.
This is a documentary film that exposes the strange face of this global love fest and its impact on the mental health of our society. The filmmaker explores the origins of this famous holiday, and how it’s been twisted as a result of consumerism and commerciality into a competition and self-esteem checklist. While disguised as a celebration of love, spanning days of gifts and adoration in some cultures, Valentines Day can actually often lead to some very dark memories, humiliation and rejection, and self-esteem crises for others. We reveal the shocking facts about the commercialisation of Valentine’s Day – the spending and traditions that have been overlooked until now; as well as bringing forth a comprehensive view of the subject through experts from various fields into this eye-opening narrative – that we all have an opinion on – no matter what!


Awards-
-Riverside International Film Festival, California, USA
Winner, Best Documentary Film, Audience Choice Award
-Jaipur International Film Festival, India
Winner, Best Film award (Documentary Feature)

Nominations-
– 51st International Film Festival of India (IFFI) (Indian Panorama)
-Indian Film Festival of Melbourne, IFFM, Australia
-San Diego Comic Con International Independent Film Festival, USA
-Millenium International Documentary Film Festival, Belgium
Official Selection, Youth Vision Competition
-Mumbai International Film Festival, India
Nomination, Best Documentary, Silver Conch Award
-UK Asian Film Festival, Middlesex, United Kingdom
-Indian Film Festival of Houston, Inc, Texas, USA


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वृद्धाश्रम से अनाथआश्रम….!!!!

February 6, 2023

Shanky❤Salty

निस्वार्थ प्रेम यह एक पुस्तक है जिसे मैंने काव्यात्मक ढ़ंग से वृद्धाश्रम से अनाथआश्रम तक कि यात्रा को लिखा है।

आशा है आप सब को यह बहुत पसंद आया होगा

पुरी पुस्तक पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
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निस्वार्थ प्रेम (20)…..!!!!

February 5, 2023

Shanky❤Salty

अकड़ना कभी सिखाया नहीं इन्होंने
ना झुकना सिखाया कभी
सिखाया तो सिर्फ अपनी मौज में रहना

एक वाक्या याद आ रहा है
रात को वो आ ही गई थी
मुझको साथ ले जाने वाली ही थी
दवा ने भी अपना असर है छोड़ा था
दर्द ने जो साथ पकड़ा था
काफी दिनों के बाद मेरे दिल में दर्द उठा था
बाहर पेड़-पौधे बारिश में भीग रहे थे
इधर मैं पसीने से भीगा हुआ था
नींद तो ऐसी रुठी थी
दवा लेने के बाद भी मुझसे दूर बैठी थी
हर कोई श्री कृष्ण के जन्म की
तैयारियाँ कर रहा था
मैं लेट अपनी धड़कनों को गिन रहा था
पर माँ वो तुम ही थी ना
जिसने श्रीकृष्ण के मूर्ति की पूजा छोड़
“वासुदेवम् स्वं इति”
(वासुदेव तो हर जगह है)
मुझे गोद में सुलाया था मेरे दिल पर हाथ रख
“गोविंद हरे गोपाल हरे जय-जय प्रभु दिन दयाल हरे”
गाकर मेरे दर्द को दूर कर रहीं थीं
माँ तेरे थपकियों ने ही मुझको सुलाया था
कल तक चलना तो दूर
मुँह से आवाज तक नहीं ले पाथ रहा था


निस्वार्थ प्रेम (19)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (19)…..!!!!

February 4, 2023

Shanky❤Salty

अरे ओ जनाब
यह कोई सपना नहीं है
माँ बाप सा कोई अपना नहीं है

महादेव जी का पड़याँ पड़ी थी
तेरी माँ ने पाने को तुझको
पर तूने …….
यार लगा के देखो ना
गले तुम एक बार
खुशियाँ मिलेगी तुझको अपरम्पार

मैं कैसे करूँ ना भरोसा उनका
जिन्होंने पाला तुमको है
और तूने उसे ही निकाला घर से हैं

यकीनन तुम जमाने के नजरों में
अच्छे रहो या ना रहो
पर अपने माँ-बाप के नजरों में
कभी बुरा बन के ना रहो

हजारों जिम्मेदारियों को त्याग देना
पर माँ-बाप छोड़ शहर के तरफ
पाँव मत बढ़ा देना
एक उमर तो बितने दो जनाब
खुद-ब-खुद एहसास हो जाएगा
माँ बाप की कही बातों का


निस्वार्थ प्रेम (18)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (18)…..!!!!

February 3, 2023

Shanky❤Salty

ज़रा सोचो ना

वो घर कैसा होगा?
जिसकी आँगन सुनी होगी
रसोई में बरतन टकराने की
आवाज तक नहीं आएगी
देर से उठने पर डॉट नहीं पड़ेगी
आँचार बाजार से खरीद खाना होगा
यार बेजान सी लगेगीं वो घर
कल्पना मात्र से रूह काँप उठती है
शौक तो बाप की कमाई से पूरी होती है
खुद के पैसे से तो बस
जरूरतें ही पूरी हो सकती हैं
ताउम्र बचपन रह जाएगा
गर तू माँ-बाप संग ज़िन्दगी बिताएगा
वो कहते हैं ना
उमर का फासला है
या कहूँ तो
उमर का फैसला है
हर किसी ने अपनों पर
अपना अधिकार जमाया है
बड़े होकर हर चिड़िया ने
अपना रास्ता बनाया है


निस्वार्थ प्रेम (17)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (17)…..!!!!

February 2, 2023

Shanky❤ Salty

हर हाल में जीना सिखाया है
कभी बोझ नहीं समझा है
हमें माँ-बाप ने
पर ना जाने क्यों हमें
माँ-बाप बोझ लगते हैं
बच्चे माँ-बाप के साथ
अब नहीं रहतें
बल्कि अब माँ-बाप
बच्चों के साथ रहते हैं
अपनी चाहतों को राख बनातें हैं
इच्छाओं को खाक करते हैं
वो और कोई नहीं
हमारे अपने माँ-बाप होते हैं
ज़रा-ज़रा सी बात पर वो साथ छोड़ देते हैं
वो मतलबी रिश्तेदार, दोस्त, साथी….
पर एक माँ-बाप ही हैं
जो शरीर छोड़ने के बाद भी साथ नहीं छोड़तें
धन लाख करोड़ तूने क्यों ना कमाया हो
पर माँ-बाप को भुला कर
सब कुछ तुने गवाया है


निस्वार्थ प्रेम (16)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (16)…..!!!!

February 1, 2023

Shanky❤Salty

घर में सेवा माँ बाप कि कर के तो देखो
पीछे पीछे हरि फिरते दिखेंगे
वो माँ पुराने ख्यालातों कि लगती है
जिसने तुम्हें काबिल बनाने के लिए
अपने माँ बाप के दिए जेवर गिरवी रख दिये थे
क्यों अपने शब्दों से उनके सिने को छलनी करते हो
जड़ों को काटोगे तो फल कहां से होगे
पानी सींचों जड़ में
माँ बाप को गले लगा देखो
सारी अलाएं-बलाएं चलीं जाएगी
और हरि पीछे पीछे आ जाएगें
दवाओं में भी वो असर नहीं है
जो माँ बाप की दुआओं में है
जग की कितनी भी सवारी क्यों ना कर लो
बाप के घोड़े की सवारी कहीं नहीं मिलेगी
कितनी भी महंगे तकिये में क्यों ना सो लो
माँ के गोद जैसे सुख कहीं नहीं मिलेगा
सिखाते है माँ बाप मुझको
रखो ना गाँठ तुम मन में ना तन में
ग़र जीना है तुमको खुल के तो
ना मान दिया ना दिया कभी अपमान माँ-बाप ने
बस सिखाया है
जहर कि पुड़िया है ये मान-अपमान
हर हाल में मुस्कुराना सिखाया है


निस्वार्थ प्रेम (15)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (15)…..!!!!

January 31, 2023

Shanky❤Salty

हे राम पता नहीं क्यों हम ऐसा करते जा रहे हैं
जिन्दगी जन्नत है उनकी
जिन्होंने माँ बाप के सिखाये रास्तों पे चला है
जिस तरह राम जी हमारा बुरा नहीं कर सकते है
ठीक उसी तरह माँ बाप हमारा बुरा नहीं कर सकते है
गुलाबों की तरह महक जाओगे
गर माँ बाप के संस्कारों को अपनाओगे
ये रिश्ता गजब है जनाब
तकलीफ तुम्हारे देह को होगी
पर दर्द माँ बाप को महसूस होगी
यार कृष्ण भी श्री कृष्ण तो माँ बाप से ही बने है
राम भी श्री राम माँ बाप से ही बने है।
तुम भी बन सकते हो
हम भी बन सकते हैं
महान
ग़र ख्याल रख लिया माँ बाप का तो
एहसानों वाला नहीं
प्यार वाला
माँ बाप के रहते
ना किसी ने परेशानी देखी
जब गुजरे माँ बाप तो
ना रहा चेहरे पर मुस्कान
ना देखा मुसीबतें
ना रहा……..
क्यों मंदिरों मस्जिदों में
ईश्वर, अल्लाह को खोजते हो


निस्वार्थ प्रेम (14)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (14)…..!!!!

January 30, 2023

Shanky❤ Salty

ये हमारा
हंसना, गाना लिखना
खेलना, कूदना, सोना
सब उनसे ही तो है
माँ बाप साथ हो ना तो
बेफिक्री खुद-ब-खुद
साथ आ ही जाती है
वर्ना देखो उन्हें
जिनके सिर से माँ का आँचल हट जाता है
या पिता का साया हट जाता हो
क्या हाल हो जाती है उनकी
बस जिस्म रह जाता है
जरूरत पड़ने पर एक माँ भी
पिता का फर्ज निभाती है
और पिता भी माँ का
पता नहीं यह अलौकिक शक्ति कहाँ से आती है
बच्चे होते हुए हमें कद्र नहीं होती माँ बाप की
जब हम भी माँ बाप होते
तो बच्चे करते नहीं कद्र हमारी
ये सिलसिला चलता आ रहा है
सब कुछ मालूम होते भी
हम खुद को पतन के रास्ते ले जा रहे हैं


निस्वार्थ प्रेम (13)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (13)…..!!!!

January 29, 2023

Shanky❤Salty

जामाने को कठोर कहते हो
माँ के कोमल हृदय को छोड़
उसे जमाने में फंसे रहते हो
माना की पिता की बात
नीम जैसी कड़वी है
पर यार सेहत के लिए तो वही अच्छी है
सिखाया था मेरे राम जी ने मुझको
हर चाहत के पीछे मिल दर्द बेहिसाब है
पर एक माँ बाप ही हैं
जो ग़र साथ हो ना तो वहाँ दर्द का नामो निशां नहीं है
ज़िन्दगी की जंग मौत से लड़ कर मैं पड़ा था बेड पे
गुरुग्राम कि अस्पताल में
जिंदा लाश बन के
वो पिता ही जो टूट चुके थे
लेकिन आँखों से आँसू छुटने नहीं दिया
हाल मेरा बेहाल देख मुझसे पूछा नहीं
डर था उन्हें, कहीं उनके आँसूओं को देख
मैं टूट ना जाऊँ
डाक्टर थक गए थे
मेरे हृदय की गति को सामान्य करने में
पर वो पिता ही थे
जिन्होंने मेरे हृदय पर हाथ रखते ही
उसे सामान्य कर दिया था
5 दिन से नींद मुझसे रूठी थी
माँ की थपकियों और लोरियों ने
मुझे सुकून का नींद दिलाया था
क्या कहूँ मैं जनाब
यार ये साँसे है तो उन्हीं की अमानत


निस्वार्थ प्रेम (12)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (12)…..!!!!

January 28, 2023

Shanky❤Salty


कितनी आसानी से कह देते हैं हम
समझते नहीं है माँ बाप हमारे
पता नहीं हम ये बात समझ क्यों नहीं पाते हैं
बड़े क्या हो गए हम मानो पंख ही आ गए
चलना क्या सीख लिया
उनकी उंगली पकड़ कर उड़ना ही शुरू कर दिया हमनें
रास्ता दिखाया माँ बाप ने
और व्यवहार हमारा ऐसा
जैसे खुद ही बनाया रास्ता हमनें
किसी शख़्स ने बहुत खूब लिखा था
खुली आँखों से देखा सपना नहीं होता
माँ बाप से बढ़कर कोई अपना नहीं होता


निस्वार्थ प्रेम (11)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (11)…..!!!!

January 27, 2023

Shanky❤Salty

वो बाप ही जनाब
जो भरे बाजार में अपनी पगड़ी उछलने ना देगा
पर अपने बच्चों की खुशी के खातिर ही
भरी महफ़िल में भी अपनी पगड़ी किसी के पैरों पे रख देगा
अपनी खुदगर्जी के लिए वो बच्चे
बाप को भी भरे बाजार में गलत कह देगा
जीवन के एक पड़ाव में
जरूरत होती है माँ-बाप को
हमारे एहसानों की नहीं हमारे प्यार की
जिसने हमें हर आभावों से दूर रख
काबिल बनाया
उन्हें ही हम आभावों में रख रहे हैं
अपने चार दिन के मोहब्बत के खातिर
हम तमाशा कर देते हैं उनका
जिसने हमारे जन्म से पहले ही
ताउम्र हमसे मोहब्बत की सौगंध खाई थी


निस्वार्थ प्रेम (10)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (10)…..!!!!

January 26, 2023

Shanky❤Salty

जब माँ बाप साथ हो ना
तो किसी भी चीज कि परवाह नहीं होती
उनके होने से ही
हर दिन होली लगती है
हर रात दिपावली लगती है
और ना हो ग़र माँ बाप तो
पूछो उनसे
होली भी बेरंग सी लगती है
दिपावली भी अंधियारा सा लगता है
आँखों में आँसू
और मन भारी सा लगता है
क्या मंदिर मस्जिद भटका है वो
क्या स्वर्ग कि चाहत होगी राम जी उन्हें
माँ बाप मिले हैं जिन्हें
चरणों में ही माँ बाप के बैकुंठ होगी
पता नहीं राम जी
वो औलाद कैसी है
जो सफलता की शिखर पर पहुंच कर पूछता है
माँ बाप से तूने किया ही क्या है मेरे लिये
बस राम जी
यही कारण है उसके पतन का
कहता है वो औलाद जो भी किया वो तो
फ़र्ज़ था पर कैसे समझाऊँ मैं उनको यार कम से कम माँ बाप ने
फ़र्ज़ तो पूरा कर दिया
पर तुमने क्या किया यक़ीनन दुनिया में बहुत सी चीजें अच्छी है
पर सच कहता हूँत मैं
हमारे लिए तो हमारे माँ बाप ही सबसे अच्छे है


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निस्वार्थ प्रेम (9)…..!!!!

January 25, 2023

Shanky❤Salty

खुशियां ज़िन्दगी में कम होती जा रही है
दो रोटी के लिए हम माँ बाप से जो अलग होते जा रहे है
माँ बाप के प्यार जैसे प्यारा और कुछ नहीं लगता है
माँ बाप के चेहरे में खुशियां आसानी से दिख जाती हैं
पर ज़ख्मों का दाग दिख नहीं पाता है
अपने संस्कारों से
हमारी हिफाज़त करने का संकल्प जो लिया है उन्होंने
अपनी जान से भी ज्यादा हमको चाहा है
हम सबने सत्यवान और सावित्री कि कहानी सुनी ही होगी
की यमराज से भी अपने पति की प्रारण ले आती है
पर यह तो माँ बाप है जो मृत्यु तो बहुत दूर कि बात है
यह तो संकट को भी पास भटकने ना दें
ऐसा अद्भुत प्रेम है इनका
पिता हमारी खामोशियों को पहचानते हैं
माँ हमारे आँसूओं को आँचल में पिरोती हैं
बिन कहें ही हालातों को हमारे अनुकूल कर देते है


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निस्वार्थ प्रेम (8)…..!!!!

January 24, 2023

Shanky❤Salty

जरूरतें अपनी भुला कर
हसरतें मेरी पूरा करते थे
वो और कोई नहीं मेरे मेरे पिता थे
मेरी चीखों को मेरे आँसूओ को
वो मुस्कान में बदलती थी
आज जब वो बूढ़ी हो गई है
तो ना जाने क्यों
हमें उसके जरूरतें
कि चीख-पुकार कानों तक नहीं रेंगती है
यक़ीनन बेटा अब बड़ा हो गया है
पैरों पर खड़ा हो गया है जमाने की चकाचौंध में
वो अपने माँ बाप को भूल गया है
अरसा बीत गया होगा
माँ की गोद में सोए हुए
पर कोई बात नहीं
जब माँ सदा के लिए सोएगी ना
तब हमें उसके गोद की कमी खलेगी
एक अनुभव लिखता हूं मैं
करीब नौ-दस घंटे मैं जंग लड़ रहा था
हाँ वही मृत्यु से दुआओं का दौर चल रहा था मेरे अपनों का
जंग करीब करीब जीत चुका था
खबर भी फैल गई थी जंग में जीत हो गई है
लोग अपने अपने घर चल दिए थे
कुछ लोगों ने खाना खा लिया था
तो कुछ सो चुके थे
पर कुछ ही देर में बाजी पलट चुकीं थी
मृत्यु ने प्रहार शुरू कर दिया था
सफेद चादर से मैं लिपटा था
पल भर में ही खून के फव्वारों से वो लाल हो गया
हार चुका था मैं
शायद मर चुका था मैं
जिंदगी की जंग को चीखता रहा मैं चिल्लाता रहा मैं
पर मृत्यु ने अपनी पकड़ नहीं छोड़ी
मेरे शरीर से मेरे प्राणों को खींच कर
अलग करने ही वाली थी कि तभी
ईश्वर के दूत आए
हाँ माँ पापा आए
माँ मुझको देख हैरान तो हो गई थी
पर मृत्यु उन्हें देख परेशान हो गई थी
पापा ने तुरंत ज़िंदगी के कागज पर
दस्तखत कर जीत का आदेश लिखा
फिर क्या मृत्यु को इजाजत ही नहीं मिली
और खाली हाथ उसे वहाँ से लौटना पड़ा
कहाँ ना मैंने बहुत पहले
जिनके सिर पर माँ-बाप का हाथ होता है
वहाँ पर मृत्यु को भी इज्जात लेनी पड़ती है


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निस्वार्थ प्रेम (7)…..!!!!

January 23, 2023

Shanky❤Salty

देखा है मैंने

साँसे रुक जाती है ना उनकी
सुकून की नींद उड़ जाती है हमारी
पिता कि साया हटते ही
बच्चे खुद-ब-खुद बड़े हो जाते है
माँ के गुजरते ही
बच्चे तकिये में मुँह छुपा रोते रह जाते है
जमीन के टुकड़े के लिए
हम माँ बाप के दिल के
हाजारों टुकड़े कर देते है
गरीबी सताती जरूर थी
पर हमारा पेट भर
वो खुद भूखा रहती थी तो
वो और कोई नहीं हमारी माँ ही थी
हम कैसे खुश रहे
इस सोच में ही तो
माँ बाप सारी जिंदगी गुजारते हैं
धन लाख करोड़ कमाया है
माँ बाप को खुद से दूर कर तूने
असली पूंजी गवायाँ है
खाया है मैंने
माँ के एक हाथ से थप्पड़
तो दूजे से घी वाली रोटी
याद है मुझे वो रात भी
जब खुद की नींद उड़ा कर
गहरी नींद में सुलाती थी
खुद गीले में सो कर
मुझको सूखे में सुलाती थी


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निस्वार्थ प्रेम (6)…..!!!!

January 22, 2023

Shanky❤Salty

माँ की ममतामयी आँखों को,
भूलकर भी गीला ना करना
और
माँ की ममता का
पिता की क्षमता का
अंदाजा लगाना असंभव है
उंगली पकड़ कर
सर उठा कर चलाना सिखाया है
पिता ने
अदब से
नज़रें झुका कर चलना सिखाया है
माँ ने
सब सिखाया है
माँ ने
हौसला भरा है
पिता ने
यश और कीर्ति दिलाया है
पिता ने
माधुर्य और वात्सल्य दिलाया है
माँ ने
कर्ज लेना कभी नहीं सिखाया आपने
पर ना जाने क्यों
हमें आपने कर्जदार बना दिया है
जिसे इस जन्म में तो पूरा करना संभव ही नहीं है
जब तक साँसे है
तब तक कर ले ना
प्यार उनको


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निस्वार्थ प्रेम (5)…..!!!!

January 21, 2023

Shanky❤ Salty

निकल रहा था मैं वृद्धाआश्रम से
गुजरते देखा मैंने एक औरत को
वृद्धाआश्रम के बगल से
शुक्रिया अदा कर रही थी वह ईश्वर को
रहा न गया मुझसे पूछ बैठा मैं “आप कौन हो”
मुस्करा वह कह गई “एक बाँझ हैं”

गूगल के द्वारा पता चला है
भारत में कुल 728 वृद्धा आश्रम हैं
और 2 करोड़ अनाथआलय हैं

वो कहते हैं न
कर्म का फल सबको भोगना ही पड़ता है…!!
खैर छोड़ो तुम्हारी जो मर्जी हो
करना बस हाथ जोड़ कहता हूँ
सिर्फ एक बार
सिर्फ एक बार
हर दुआ में उसकी दुआ है
जिसके सिर पर माँ की छाया है
समझो ना वहीं पर खुदा का साया है
काँटों को फूल बनाया है
पिता ने हर मुश्किल राह को आसान जो बनाया है
सोकर स्वयं गीले में, सुलाया तुझको सूखे में


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निस्वार्थ प्रेम (4)…..!!!!

January 20, 2023

Shanky❤Salty

मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ हृदय की पीड़ा है
जब सुनता हूँ बलात्कार हुआ,
किशोराअवस्था में बच्ची गर्भवती हो गई,
17 साल की बच्ची का गर्भपात हुआ,
इश्क कर बच्चे भाग गए….
अब आगे क्या कहूँ मेरे आँसू ही जानते हैं
शायद माँ-बाप ने अच्छे संस्कार नहीं दिये होंगे इसलिए
ऐसा हुआ होगा यह कह हम ही ऊँगली उठाते हैं

अच्छा छोड़ो ये सब बातें

ग़र तुम्हें एक साथ आँखों से सच देखना है
और कानों से झूठ सुनना है
तो किसी वृद्धा आश्रम जा कर वहाँ रहने वाले
किसी से भी उनकी ख़ैरियत पूछ कर देखो
तुम खुद-ब-खुद समझ जाओगे
मैं कहना क्या चाहता हूँ और लिखना क्या चाहता हूँ

खैर छोड़ो
तुम बड़े हो गए हो
तुम्हारे पास वक्त कहाँ
सच में
अब तुम बड़े हो गए हो
वक्त कहाँ है, बुढ़ापा आने में


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निस्वार्थ प्रेम (3)…..!!!!

January 19, 2023

Shanky❤Salty

मेरे इस सवाल का जवाब किसी के पास
नहीं होगा पर मेरी पंक्तियों को पढ़ हर किसी के

आँखों से आँसू छलक ही जाएगा
यार वो कितना भी पत्थर दिल क्यों ना हो
वो एक ना एक पल पिघल ही जाएगा
हमें जीवनसाथी तो हजारों मिल जाएंगे
परन्तु क्या माँ-बाप दुसरे मिल पाएँगे ???

अब बेसरमों कि तरह हाँ मत कह देना
हाथ दिल पल रख मैं कहता हूँ
एक बार प्यार से माँ-बाप को गले लगा के तो देखो
प्रेम दिवस उनके साथ मना के तो देखो
सच कहता हूँ तुम निःशब्ध हो जाओगे
जब माँ-बाप के हृदय से तुम्हारे लिए
करुणा, माधुर्य, वात्सल्य छलकेगा न
तब तुम्हारे रूह से आवाज आएगी

हो गए आज सारे तीर्थ चारों धाम
घर में ही कुंभ है माँ-बाप की सेवा ही शाही स्नान है

मान लो मेरी बात

बाकी तो आप जानते ही हो
क्योंकि सुना है आप समझदार हो

यही दिव्य प्रेम है
मेरे शिव जी ने भी कहा है:-
धन्या माता पिता धन्यो गोत्रं धन्यं कुलोदभवः
धन्या च वसुधा देवि यत्र स्याद् गुरुभक्तता

जिसके अंदर गुरुभक्ति हो
उसकी माता धन्य है, उसके पिता धन्य है,
उसका वंश धन्य है उसके वंश में जन्म लेनेवाले धन्य हैं,
समग्र धरती माता धन्य है

वैसे प्रथम गुरु कौन होता है हम सबको पता ही है
तो कर लो न गुरुभक्ति उत्पन्न


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निस्वार्थ प्रेम (2)…..!!!!

January 18, 2023

Shanky❤Salty

बचपन में बच्चों कि तबियत बिगड़ती थी
तो माँ-बाप कि धड़कनें बढ़ती थीं
आज माँ-बाप कि तबियत बिगड़ी है
तो बच्चे जायदात के लिए झगड़ते हैं
हम प्रेम दिवस मनायेंगें
माँ-बाप को भूल प्रेमी संग जिन्दगी बितायेंगे
सच कहूँ तो, रूह को भूल जिस्म से इश्क़ कर दिखायेंगे
पता नहीं माँ-बाप ने कैसे संस्कार हैं हमको दिये
बड़े होते ही इतने बतमीज़ बन गए जिनकी कमाई से अन्न है खाया
आज उनको ही दो वक्त की रोटी के लिए है तरसाया
गूगल पर माँ-बाप की बहुत अच्छी और प्यारी कविताएँ
मिल जाती हैं मुझको, पर पता नहीं क्यों मैं निःशब्ध हो जाता हूँ
वृद्धा आश्रम की चौखट पर आ कर
कर माँ-बाप का तिरस्कार वो मेरे राम जी के सामने आशीर्वाद हैं माँगते
अब किन शब्दों में समझाऊँ में उनको
ईश्वर ही हमारे माँ-बाप बनकर हैं आते
अपने संस्कारों से जिसने हमें है पाला आज हमने अपनी हरकतों से जीते जी माँ-बाप का अंतिम संस्कार है कर डाला
भरे कंठ लिए एक सवाल है गर माँ-बाप से मोहब्बत है
तो वृद्धा आश्रम क्यों खुले हैं ????


निस्वार्थ प्रेम (1)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े


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निस्वार्थ प्रेम (1)….!!!!

January 17, 2023

Shanky❤Salty

हर रिश्ते में स्वार्थ देखा है हमनें
एक माँ-बाप ही हैं जिन्हें निस्वार्थ देखा है
वो बचपन में ही खुशियों के रास्ते खोल देते हैं
हम बड़े हो कर उनके लिए ना जाने क्यों
वृद्धा आश्रम के रास्ते खोल देते हैं
पढ़ा-लिखा कर हमको काबिल बना देते हैं
पर हम कभी उनके दर्द को पढ़ नहीं पाते हैं
अपने अरमानों का गला घोट
जिन्होनें हमे इंसान है बनाया
हमनें अपनी इंसानियत को मार
माँ-बाप की आँखों से आँसू बहाया है
जिन्होंने हमको उंगली पकड़ चलना सिखाया है
हमने उनको हाथ पकड़ घर से बेघर कर दिखाया
अपनी ख़ुशबू दे हमको जिन्होंने फूल बनाया है
हमने तो काँटे दे उनको रुलाया है
जिसने काँधे पे बैठा हमें पूरा जहाँ घुमाया है
उसे सहारा देने पे हमें शर्म आया है
हमारी छोटी सी खरोंच पर
उसने मरहम लगाया है
हमने अपने शब्दों से ही
उनके दिल में जख़्म बनाया है
माँ-बाप ने हमें सुंदर घर बना कर दिया
हमनें भी उनको बेघर कर अपनी औकात दिखा दिया….(आगे जारी है)


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आलस और संघर्ष…..!!!!

December 29, 2022

Shanky❤Salty

गद्देदार बिस्तर पर सो कर
रजाई और कंबल ओढ़ कर
ठंड हमारी जाती नहीं
हर रोज़ किस्मत को कोश कर
अपनी आलस छोड़़ते नहीं

सड़कों पर गत्ते पर सो कर
चादर सी शौल ओढ़ कर
वो ठंड से हार मानते नहीं
हर रोज़ ज़िंदगी से जुझ कर
संघर्ष छोड़ते नहीं


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जीवन का अंश….!!!!

December 21, 2022

Shanky❤Salty

मेरी एक और नई किताब जिसमें 400 से अधिक कविता और कोट्स का संग्रह है इस पुस्तक में जिसे एक छोटी सी बात और उसमें बड़ी सी बात के रूप में लिखने की कोशिश किया है। आशा है आपको पसंद आएगी।

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श्रीमद्भागवतगीता…..!!!!

December 1, 2022

Shanky❤Salty

गीता केवल एक ग्रंथ या पुस्तक नहीं है अपितु जीवन जीने की कला है।
गीता ऐसा अद्भुत ग्रंथ है की थके, हारे, गिरे हुए को उठाता है, बिछड़े को मिलाता है, भयभीत को निर्भय, निर्भय को नि:शंक, नि:शंक को निर्द्वन्द्व बनाकर उस एक से मिला के जीवन का उद्देश्य समझाता है।

गीता में अठारह अध्याय है जो हमारे जीवन के विकास के सर्वोपरी है।
1. अर्जुन का विषाद योग:- जब अर्जुन ने युद्ध के मैदान में अपने गुरु, मामा, पुत्र, पौत्र, ससुर, ताऊ, चाचा और मित्रो को देखा तो शोक करने लगे और मैं युद्ध नहीं करूँगा यह कह कर अपना धर्म का त्याग कर रथ के पीछले भाग में बैठ गए।

2. सांख्य योग:- श्री कृष्ण महाराज ने अर्जुन को ज्ञान योग के द्वारा समझाया की शोक करने योग्य मनुष्यों के लिए शोक करता है और वे
पण्डतों के जैसे वचनों से कहतें हैं कि “ना तो कभी ऐसा था कि मैं किसी काल में नहीं था, और ना ऐसा कभी था कि तू नहीं या फिर ये राजाजन नहीं थे और ना ऐसा है कि इससे आगे हम सब नहीं रहेंगे, तूझे भय नहीं करना चाहिए क्योंकि क्षत्रिय के लिए धर्मयुक्त युद्ध से बढ़कर दसूरा कोई कल्याणकार कतर्व्य नहीं है।”

3. कर्मयोग:- स्पष्ट शब्दों में ऋषिकेश महाराज ने समझाया है कौन से कर्म करने योग्य है और कौन से कर्म नहीं करने योग्य। और सबसे महत्वपूर्ण यह की कोई भी मनुष्य किसी काल में क्षण भर भी बिना काम किये नहीं रहता।
शास्त्रविहित कर्म कर, क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेठ है।

इसी तरह ज्ञानकर्मसंन्यासयोग, कर्मसंन्यासयोग’ आत्मसंयम योग, ज्ञान विज्ञान योग, अक्षरब्रह्म योग, राजविद्याराजगुह्ययोग, विभूतियोग, विश्वरूपदर्शन भक्तियोग, क्षेत्रक्षत्रविभागयोग, गुणत्रयविभागयोग, पुरूषोत्तमयोग, दैवासुरसंपद्विभागयोग, श्रद्धात्रयविभागयोग, मोक्षसंन्यासयोग में श्रीकृष्ण महाराज ने केवल और केवल जीवन को जीने की कला ही सिखाई।

विश्व की 578 भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है।
गीता किसी एक देश, जातियों, पंथों की नहीं है बल्कि तमाम मनुष्यों के कल्याण की अलौकिक सामग्री भरी हुई है।
भोग, मोक्ष, निर्लेपता, निर्भयता आदि तमाम दिव्य गुणों का विकास करनेवाला यह गीताग्रंथ विश्व में अद्वितीय है।
स्वामी विवेकानंद जी तो श्रीमद्भगवत गीता को “माँ” कहा करते थे।
मदनमोहन मालवीय जी श्रीमद्भगवत गीता को “आत्मा कि औषधि” कहा करते थे।
श्रीमद्भगवत गीता किसी धर्म, जाती, समुदाय, मजहब का पुस्तक नहीं है अपितु यह संपूर्ण मानव जाती के लिए है।

श्रीमद्भगवत गीता वह ग्रंथ है जो हमें सिखाती है “सुख टिक नहीं सकता और दुःख मिट नहीं सकता”
मुझे लगता है कि गीता को हाथ में रखकर कसमें खाने से कुछ नहीं होगा अपितु गीता को हाथ में रखकर पढ़ना होगा।

गीता हमें युद्ध सिखाती है अपने दुश्मनों से और प्रेम करना सिखाती है अपनों से। लेकिन हम ही अपने दुश्मन है और हम ही अपने मित्र है। कोई बाहरी हमें आकर नुकसान नहीं पहुंचा सकता है जितना हम स्वंय को अपने विचारों से और अपनी वासनाओं से पहुंचाते है।
इसलिए युद्ध तो जरूरी है लेकिन स्वयं से। जब तक खुद के रावण को नहीं जलाओगे तब तक राम से नहीं मिल पाओगे।

कहते हैं लोग नहीं है वक्त इसलिए पढ़ नहीं पाते हैं गीता को
सच कहता हूँ वक्त नहीं है इसलिए तुम पढ़ा करो गीता को

गीता जयंती दिसंबर 3, 2022


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गजब कि दुनिया है यार….!!!!

November 30, 2022

Shanky❤ Salty

गजब कि दुनिया है यार

इश्क नाम ले
जज्बातों से खेल कर वह
कितने ही मर्दों के साथ क्यों न सोए
वो अबला ही कहलाएगी
और
ईमान से
चंद रुपयों के खातिर वह
कितने ही मर्दों के साथ क्यों न सोए
वो वैश्या ही कहलाएगी

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हमें खुशियाँ चाहिए ना…..!!!!

November 28, 2022

Shanky❤Salty

हमें खुशियाँ चाहिए ना
घर में, ऑफिस में, दुकान में रोड पर हर जगह
हमें खुशियाँ चाहिए ना
बच्चों से, बड़ों से, पत्नी से, पति से, माँ-बाप से हर किसी से
हमें खुशियाँ चाहिए ना
हर पल, हर क्षण हम खुशियों के पीछे भाग रहे हैं
पर क्या खुशियाँ हमें मिल रही हैं?
शायद नहीं, क्योंकि पढ़ा हैं मैंनें और अनुभव किया हैं
हर खुशी के पीछे ग़म की कतारें हीं है
कमरे क्या है बन्द दीवारे ही है
हक़ीक़त में जिसे हम अपना समझ रहे हैं
और खुशियाँ चाह रहे हैं उनसे
वहीं हमारे दुखों का कारण बन रहें हैं
वास्तविकता में जो हमारे अपने हैं
उन्हें हमने मंदिरों तक सीमित कर दिया है
उनके कहे वचनों (भगवद्गीता) को घर में किसी ऊँचे स्थान पर रख दिया हैं
कभी कभार तो हम भीखमंगा बन कर उनसे खुशियाँ माँगते है
पर दरसल वह खुशियाँ हमारे दुखों का कारण बनती है
राम जी तो अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तैयार है
लेकिन हमारी हालत कुछ ऐसी है
जैसे सुनार की दुकान पर जाकर कोई चप्पल माँगता हो


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बिटिया को भेजा था….!!!!

November 28, 2022

Shanky❤Salty

नर्क की आग से भी
बद्तर जुल्म हुए
उस मासूम के साथ
वैश्यावृत्ति कि आग में
धकेल दिया था
घर वालों ने कहा था
शहर कमाने के लिए
बिटिया को भेजा था
दरसल पैसे के लिए
बिटिया को बेच दिया था


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उम्मीद लगाए बैठती हूँ….!!!

November 26, 2022

Shanky❤Salty

बहुत कुछ कहना चाहती हूँ
खयालों की मोटरी बाँध चलती हूँ
ह्रदय में एक आस लिए जीती हूँ
यूँ हीं नहीं चलती हूँ
अक्सर थक कर
दिवारों का सहारा ले कर
बैठ जाती हूँ
रोना तो चाहती हूँ
पर घूंट कर रह जाती हूँ
साँसें तो चलती है
पर लगता है ज़िन्दगी थम सी गईं है
बस ह्रदय में एक आस है
पर हकीकत में कोई भी नहीं पास है
ग़म के आँसू सुख चुके हैं
मन की प्यास भी शायद बुझ चुकी हैं
मंज़िल तक तो जाना है
पर रास्ते कब खत्म होगें पता नहीं
थक तो गई हूँ
पर जताना नहीं चाहती
कोई समझने को तैयार नहीं
जब कहती हूँ कुछ
तो हर कोई कह जाता है
हाँ मालुम है मुझको सब कुछ
पर मालूम होना ही सबसे बड़ा ना मालुम होना है
कोमल सा दिल था
जिसकी कोमलता को खत्म कर
कठोर कर दिया गया
विशवास के डोर में बाँध कर
फाँसी का फंदा दिखा दिया
प्यार दिया या दिया दर्द पता नहीं
पर दिया कुछ तुने यह पता है
शायद वह है अनुभव
अब जादा फरमाइश नहीं है
बस जो होता है
शांति से सह जाती हूँ
ना तो हूँ मैं राधा
ना चाहत है मोहन की
हूँ मैं एक इंसान
बस हर किसी से इंसानियत की
उम्मीद लगाए बैठती हूँ


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हक़….!!!!

November 21, 2022

Shanky❤Salty

दुसरों का हक़ छिनने वालों का कभी पेट नहीं भरता
खुद के हक़ का बाँटने वाले का दिल कभी नहीं भरता


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आत्महत्या नहीं हत्या….!!!!

November 17, 2022

Shanky❤Salty

मर तो रोज ही रहें हैं हम
और एक दिन मरना भी तय ही है

ह्रदयाघात से तड़प कर मरेंगे हम?
या युंही सोए_सोए मर जाएंगे?

रोड के किनारे लावारिस मौत होगी?
या चिंता से चिता नसीब होगी?

ज़िन्दगी एैसी हो गई है
मानो लकड़ी को दीमक ने घेर रखा हो
बोलने से दिक्कत होती थी
अब मेरे मौन से दिक्कत है

लगता है दिक्कत का मूल कारण ही मैं हूँ,
भीड़ से थक कर अकेले बैठा था
वो भी हज़म ना हुआ उन्हें
तानों की बाढ़ सी ला दी जीवन में
भीड़ को खोया या ना खोया मैनें
पर खुद को जरूर खो दिया

सुरत अच्छी हो तो लोग जिस्म नोचते हैं
सिरत अच्छी हो तो लोग रूह नोचते हैं

सवालों में उलझा कर उत्पीड़न करते हैं
मेरे लिखने का भी मतलब निकलेगें

हकीकत में तड़प कर मुझको मौत ही मिलेगा
आत्महत्या नहीं अक्सर हत्या होती है
जो किसी काग़ज़ पर लिखी नहीं होती है
यातनाएं दी तो दीं

लेकिन “हमें क्या तुम्हें जो ठीक लगे वह करो” का तमाचा भी जड़ जाती है
नींद की गोलियाँ भी क्या असर करेगी भला
जब बद्दुआओं में मेरे नाम की गालियाँ का असर हो

मुझे सुनने के लिए मेरे शब्द नहीं
तुम्हारे वक्त कम पड़ जाएंगे
नसीहतों कि पोटली बहुत है मेरे पास
लेकिन साथ चलने वाली छड़ी नहीं है मेरे पास
आत्महत्या नहीं हत्या होती हैं
तनाव होता नहीं ,दिया जाता है

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एक दिन और गुज़र गया….!!!!

November 14, 2022

Shanky❤Salty

एक दिन और गुज़र गया
अपने घर जाने को मैं,

क्या खाया ? क्या कमाया? क्या जोड़ा?
इन्हीं चक्करों में मेरा
एक दिन और गुज़र गया,

मुट्ठी से रेत की तरह वक्त बित गया
अज्ञान की चादर ओढ़ मैंने ज्ञान की ख्वाबें सजाई

पल भर भी न मैंने जपा राम को ना रहिम को
यूंही करते करते मेरा
एक दिन और गुज़र गया

अपने घर जाने को मैं और करीब हुआ


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राम कालपनिक है….!!!!

November 02, 2022

Shanky❤Salty

हमारी ये हस्ती आपसे है राम,
आपके होने से ही
ज़िन्दगी हमारी मस्ती में है राम,
है वफ़ा मुझको आपसे राम
इसलिए तो आप हमारे हो राम
और हम आपके राम,
भला वो हमारा कैसे होगा राम
जिसने भरी महफ़िल में किया है बेवफाई आपसे राम


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इस दीपावली…..!!!!

October 22, 2022

Shanky❤Salty

दीपावली
सफाई का, उजाले का पर्व
खुशियां मनाने का ,अंधकार पर विजय का पर्व

घर-द्वार साफ करते हैं
लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए
ग़र इस दीपावली कर ले हम मन की सफाई
तो लक्ष्मी जी महालक्ष्मी जी के रूप में सदैव विराजमान रहेगी

हर दीपावली
वर्मा जी के घर से
एक किलो काजू कतली का तोहफा आता है
गुप्ता जी के घर से
एक किलो सोन पापड़ी का भी तोहफा आता है
बदले में हम भी वर्मा जी, गुप्ता जी को
उतने का ही कुछ-न-कुछ तोहफा दें ही आतें है
ताकि समाज में इज़्ज़त बनीं रहें
पर इस बीच वो चौराहे वाला अनाथ राजू बेचारा मायूस रहे जाता है
दीयें बनाने वाले की गुड़िया फुलझड़ी नहीं जला पाती है


विडंबना इतनी है की
त्यौहार केवल सम्पन्न व्यक्ति अपने आप तक ही सीमित रखता है
खुशियां बाँट तें तो हैं हम पर केवल अपने स्तर तक के लोगों तक ही
मान प्रतिष्ठा जहाँ मिलें वहीं जातें हैं
खुशियां मिलती जरूर होगी दीपावली की
पर आनंद नहीं मिल पाएंगा कभी


दीन-दुखियों के चेहरे पर मुस्कान ले आओ ना
दुसरों का हक़ छीनने से घटता है
खुद का हक़ बाँटने से दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ता है
हो सके तो इस बार
मिठाईयाँ उन्हें भी खिलाओ जिनके पास खाने को नहीं है
दो दीये उनके घर भी जलाओ जिनके घर के दीये बुझ रहें हैं
मन की थोड़ी बहुत भी सफाई कर लो ना
दरिद्र नारायण की सेवा कर लो ना
ह्रदय मंदिर में एक दीपक खुद के लिए भी जला लो ना
अहंकार को मिटा कर ज्ञान का दीप जला लो
हर पल हर क्षण दीपावली मनाने की ये तरकीब अपना लो


October 22, 2022

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Kaun Hai Ram….!!!!

October 9, 2022

Shanky❤Salty

Thank you for reading my KAUN HAI RAM book. Your support and trust always make me happy. 290 eBooks was read by Ram Bhakts & 80+ physically copy was sold.
Thanks a ton again all of you for kind support.

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मजबूत रिश्ते…….!!!!

May 14, 2021

Shanky❤Salty

ये रिश्ता बड़ा मजबूत है
बेश़क हमने ही चुना है
जमाने ने जड़ें जरूर काट दी हैं
पर मजबूती से दोस्तों ने थामा ही है

कुछ नए मिलें हैं
तो कुछ पुराने बाकी हैं
शब्दों का मेल है
दोस्त मेरे सच में अनमोल हैं

बारिश का मौसम आ चुका है
तुम भीगना ज्यादा मत इसमें
पर गलतफहमियों की धुल ग़र जमीं हो
तो उसे धो जरूर देना मेरे यार

वो कहतें है ना
यादें बहुत आती है
पर वो वक्त नहीं आ पता है
यकीनन हम झगड़ते बहुत थे
पर दुआओं में भी हम ही थे

वक्त की धुंध में बहुत कुछ छुप जाता है
पर आँखों से ओझल नहीं हो पता है
नासमझ जरूर हूँ
पर समझाना सिर्फ तुम्हीं को आता है

सुख हो या दुख हो
कुछ ने सीढ़ीयों सा इस्तेमाल किया
पर कुछ अभी भी दोस्ती का फ़र्ज़ निभा रहें
हर परेशानीयों का उपाए है उनके पास

दोस्त हैं तो ज़िन्दगी मकबुल है
ना जिस्म की बात होती है
ना ही रूह की होती है
बस ज़िन्दगी को खुल कर जीने की इबादत होती है

ना खुदा ने बनाया है
ना खुद हमने बनाया है
दरसल ये रिश्ता खुद-ब-खुद बन आया है

भावनाओं का जो मेल हो पाया है
निस्वार्थ ही ये रिश्ते निभ रहे हैं
और निभते रहेगें

चाहत कुछ भी नहीं है
बस जहाँ भी रहें
अपनी मौज में रहें

यही दुआ है उनकी
चार धाम की यात्रा
साथ कर पाय या ना कर पाए
पर हमारी अंतिम यात्रा में
वो शामिल हो जाएं
ये ही आखिर ख्वाहिश है हमारी

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ख़्वाब लिखा है……!!!!

YourQuote.in

April 24, 2021

Shanky❤Salty

हर पन्ने पर ख़्वाब लिखा है
ज़ख़्मों की स्याही से हमनें
एक किताब लिखी है

ज़ालिम ये दुनिया, ज़ालिम ये ज़हान है
सुना था हमनें हर ज़गह

कितने रहमदिल हैं ये पता किया नहीं हमनें
कपड़े मैले ज़रूर हैं
पर दाग़ नहीं है इसमें…!!

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राम……!!!!!

कौन हैं राम

April 21, 2021

Shanky❤Salty

पाया उसे जाता है राम
जो कहीं खोया है राम
ढूंढा उसे जाता है राम
जो भुलाया है राम
आप कहाँ से आओगे राम
आसमान से टपकोगे राम
या धरती फाड़ आओगे राम
कहीं से नहीं न राम
क्योंकि आप तो हर ज़गह विद्यमान हो राम
चींटी की पुकार हो राम
या मस्जिद कि अज़ान हो राम
आप सब सुनते हो राम
आप तो उर्जा रूप में राम
हर ज़गह हो राम

मैं मर भी नहीं सकता राम
न मैं जी सकता हूँ राम
बस आप में बस सकता हूँ मैं राम
शिव भी मैं ही हूँ राम
शक्ति भी मुझमें ही राम
भक्ति भी मुझमें ही है राम
रावण भी मुझमें ही है राम
मंदिर मूर्ति मस्जिद अज़ान राम
ये सब तो प्रतीक हैं मात्र हैं राम

परछाईं को कोई वास्तविक समझ ले राम
तो यह ना समझी है राम
फ़ोटो को अगर जीवित समझ ले राम
तो क्या करूँ मैं राम
हर किसी की आस्था का प्रणाम है राम
पर आगे भी तो बढ़ना होगा न राम
कब तक तस्वीरों में अटकेगें हम राम
यह संभव नहीं है राम

कि एक ही वक़्त पर हर कोई राम
मंदिर में आपकी पूजा कर सके राम
मस्जिद में बैठ आपको पुकार सके राम
पर यह तो संभव है राम
कि मन मंदिर में बैठ मानस पूजा कर सके राम
शिव रुप में हम शिव की पूजा करेंगे राम
राम रुप में हम राम रस पियेंगे राम
अल्लाह रुप में हम अल्लाह से मिलेंगे राम
हे चिदानंद रुप राम
क्या चढ़ाऊँ मैं तुमको राम

जो सास्वत है राम
उसे कैसे नश्वर अर्पण करूँ मैं राम
चार दीवार के अंदर बैठता हूँ मैं राम
तो चार दीवार ही दिखती है मुझको राम
बाजार में बैठता हूँ मैं राम
तो बाज़ार ही दिखता है मुझको राम
जब राम रुप में बैठता हूँ मैं राम
तो सब राम राम राम ही दिखता है मुझको राम
हद में तुझको ध्याया है राम
तो मानव ही रह गया हूँ मैं राम

बेहद जब तुझको ध्याया है राम
तो तेरा दूत बन कर ही रह गया हूँ मैं राम
अनहद हो कर जब तुझको ध्याया है राम
तो राम रूप में ही ख़ुद को पाया हूँ मैं राम
सब अपने हैं राम
सबके अपने हैं राम
देने में तो आप कंजूसी नहीं करते हो राम
फ़िर हम क्यूँ आपको जपने में कंजूसी कर देते हैं राम
मन नहीं लगता है आपमें हमारा राम
आपको हम ख़ुद से अलग समझते हैं राम

हे राम
अब इच्छा नहीं होती है राम
कि आपको मैं मानव रूप में पूजा करूँ राम
आपको तो आप रूप में ही हो कर पूजना है राम
अब आपको दूध, दही, जल नहीं चढ़ना है राम
आपको तो मन और बुद्धि चढ़ाना है राम
आपको पुष्प और विल्वपत्र क्या चढ़ाऊँ मैं राम
आपको तो सत्व, रज और तम चढ़ाना है राम

आपको क्या भोग लगाऊँ मैं राम
आपको तो प्यार से गले लगाना है राम
क्या दीपक जलाऊँ मैं राम
अब तो आँखों में वो उजाला लाना है राम
जिससे सब कुछ और सबमें राम ही राम दिखे राम
अब क्या कहूँ मैं राम
अब मुझे इससे अधिक कुछ भी नहीं आता है राम
अब मुझे आपको भजना भी नहीं है राम
ना मुख से जपना है राम
ना हाथों से जपना है राम
अब आप हमें भजो न राम
अब हम पायेंगे आपमें ही विश्रा-राम

राम-राम-राम-राम-राम-राम-राम-राम-राम-राम

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ओ राम…….!!!!!

April 18, 2021

Shanky❤Salty

मुस्कुराने की कला सिखाते है राम
ग़म का ज़हर पीना सिखाते है राम
भूत और भविष्य कि गोद त्यागना सिखाते है राम
वर्तमान में बैठना सिखाते हैं राम
काया-माया छोड़ना सिखाते हैं राम

राम होकर राम में जीना सिखाते हैं राम
स्वाद ज़िन्दगी का चखना सिखाते हैं राम

सुनो ना राम
लिखूँ मैं कैसे तुझपे राम
समझते क्यूँ नहीं हो तुम राम
कैसे लिख दूँ मैं तुझपे राम

तुझ तक मेरी बुद्धि नहीं पहुँच पाएगी राम
वहां तक शब्द मैं कैसे पहुँचाऊ राम
तुम तो अबाधित हो मेरे राम
शब्दों से कैसे बाँधू मैं तुझको राम

ध्यान में लीन हैं मेरे राम
भूखा नहीं है प्यासा नहीं है मेरा राम
तृप्त है मेरा राम
क्या अर्पण करूँ मैं तुझको राम

कोई धाम नहीं है बिना तेरे मेरे राम
हर एक के अंतःकरण में बसता है मेरा राम
सौगंध तेरी खाता हूँ मैं राम
भर भर प्याला पीता हूँ नाम तेरा मेरे मैं राम

सच कहता हूँ ज़िन्दगी सुधरता है मेरा ओ प्यारे राम
पता नहीं ओ मेरे प्यारे राम
क्यों आँखों से पानी छलकता है राम
जब जब जिक़्र होता तेरा है राम
पावन सा तेरा है नाम राम

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कौन हैं राम…….!!!!

March 26, 2021
Shanky❤Salty
मैंने एक किताब लिखी है जिसे आप देख महसूस करेंगे की यह किसी विशेष धर्म, संप्रदाय, जाति, मज़हब के लिए है लेकिन ये सत्य नहीं है, यह किताब पूरी मानव जाति के लिए है। इस किताब में राम शब्द का प्रयोग एक उर्जा के तौर पर किया गया है जो हर ज़गह विद्यमान हैं। वह उर्जा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह में भी है और शिवजी में भी है,
जिसे आजकल की साईंस ने भी माना है
“गौड पार्टीकल” के रूप में।
मेरा किताब लिखने का एक ही मकसद है की जाति, मजहब, धर्म, रंग, भेद,…आदि को ख़त्म कर उस एक पर ध्यान देना।
दिखते तो यहाँ पर सब अलग अलग हैं पर हैं तो सब एक ही ना।
फ़िर यह ईर्ष्या राघ द्वेष क्यों और किससे..!!!
राजा हो या रंक असली औकात तो श्मशान में दिख ही जाती है
फ़िर जीते जी यह बाहरी दिखावा क्यों।
कुछ वास्तविकता को मैंने लिखा है जिसे लोग जान कर भी अनजान बनें हैं।
जिस्म और रूह की सत्यता को मैंने स्पष्ट रूप से लिखा है।
राम होकर राम को भजना है।
इस किताब का उद्देश्य अपने भीतर छुपी आत्मचेतना को जगाना है।
किसी भी चीज़ का नशा एक-न-एक दिन उतरना ही उतरना है।
रात को पियो तो सुबह
सुबह को पियो तो रात
उतर ही जाता है।
राम नाम का प्याला पी कर के तो देखो।
राम नाम का नशा कर के तो देखो वचन है मेरा आपको इससे सारी ज़िन्दगी सुधर जाती है
राम जी ही तो सरस्वती जी के रूप में मेरी जिह्वा पर विराजमान हैं
और मेरी कलम को एक नई सोच देते हैं।
मैं उन्ही राम जी के अंश राधा अग्रवाल जी और निधि गुप्ता “जिद्दी” जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जिन्होंने मेरे लिखे इस लेख को जो राम जी को समर्पित है
को सही किया है इसे सुंदर बनाया है।
हरिणा पंडया जी और निधि गुप्ता “जिद्दी” ने इस किताब को लिखने में मुझे सहयोग दिया है।
राधा अग्रवाल जी ने मेरी इस किताब का शुद्धिकरण किया है।
सचिन गुरुरानी ने मेरी किताब के लिये डिजाइन तैयार किया है।
मैं इन सभी को तहेदिल से धन्यवाद करता हूँ।

मेरी किताब पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
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वो खड़ी थी…….!!!!

March 19, 2021
Shanky❤Salty
मृत्यु दरवाजे पर आ खड़ी थी राम
पूछा उसने मुझसे राम
क्या किया तुने जीवन में राम
हैरान परेशान हो गया मैं राम
सोने में रात बिता दी थी मैंने राम
खाने में दिन भी गुजार दिया था राम
तेरे नाम का हिसाब दे नहीं पाया मैं राम
फ़िर क्या राम
खोल मुट्ठी मेरी उसने दी राम
चौरासी के चक्कर में उसने धकेल मुझको दिया राम
जीवन मेरा मैंने यूँ हीं गवां दिया राम
सोने का कटोरा रख कर मैंने राम
भीख ही माँगी राम
घाट श्मशान का हो राम
या मणिकर्णिका घाट हो राम
हिसाब तो होगा ही राम
चिड़िया भले ही चुग खेत क्यों ना गई राम
नुकसान तो मेरा ही होगा राम
निंदा करता रहा मैं राम
मुझसे बड़ा निंदक मिला नहीं मुझको राम…!!

Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- A Wonderful Writer Radha Agarwal
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Think About Valentine Day….!!!!

February 11, 2021
Shanky❤Salty
Love is innocent, love unites us with Ram, love unites us with God, love unites with Allah. Love is the name of supreme power. The true feeling of love will do well not only India but the entire humanity. Why should not we develop real love? I think every person/young boys/young girls should greet, respect and worship their true love that is parents. Everyone celebrates day of love or week of love. Then why should we not celebrate this week or day with parents & their children. I think this is true & divine love. Passion and lust give a bad name of love. This is a big difference between love and lust. Lust gives rise to sexual excitement and thoughtless gratification of desires. And love always gives eternal joy. It helps one behold oneself in all creatures. Parents have spent longer time in this world, so they are more experienced than us. We easily get the benefit of experience of the three simply by respecting them. So, whosoever wants to progress in life must obey, respect and worship our parents. When I read some article regarding bad effect of the valentines’ day. I think No Hindu, No Christian, No Muslim, No Sikh parents wants his or her child to be spineless due to premarital relationship. No parents want his or her child to disobey his or her and violate social norms and succumb to a profligate lifestyle, becomes mean by leading a selfish life, moan and groan in the old age. If the children respect their parents, they will receive auspicious blessings from their hearts which will save these future leaders of the nation from the evils of lust day.
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हाथों में पतंग लेकर…….!!!!

January 14, 2021
Shanky❤Salty
खुशियाँ किसी चीज या वस्तु की मोहताज़ नहीं होती
खुशियों को तो बस बहाना चाहिए
हाथों में पतंग लेकर
आसमान को छूना है
हर ख़्वाब को एक दिन पूरा करना है
ज़िन्दगी कि डोर में प्यार का माँझा हम चढ़ाएँगे
ईर्ष्या की पतंग को काट हम गिराएगें
तिल गुड़ खा कर हर रिश्ते से कड़वाहट हम मिटाएंगे…

Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- A Wonderful Writer Radha Agarwal
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सीख लो……!!!!

January 04, 2021
Shanky❤Salty
ज़िन्दगी जीने की कला सीख लो
मुस्कुरा कर ग़म का ज़हर पीना सीख लो
भूत और भविष्य कि गोद छोड़ वर्तमान में बैठना सीख लो
ज़िस्म को छोड़ रूह में जीना सीख लो
हर हाल में तुम ज़िन्दगी का स्वाद चखना सीख लो…

Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- A Wonderful Writer Radha Agarwal
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ख़ुद ही खुदा…….!!!!

December 02, 2020
Shanky❤Salty
ख़ुदा का काम करते फिरते हो
लगता है इसलिए
दूसरों के कर्मों का
तुम हिसाब लिखते फिरते हो
जरा मेहरबान होकर के
ख़ुद के कर्मों का
भी ग़र तुम हिसाब कर लेते
तो तुम ख़ुद ही खुदा के रूप में पूजे जाते…!!

Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- A Wonderful Writer Radha Agarwal
Published by Anonymous
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Break…..!!!!

August 16, 2020
Shanky❤Salty
ज़िंदगी का दरवाजा
अब मैं कुछ पल के लिए बंद करता हूँ
रिश्तों की उलझन से अब खुद को दूर करता हूँ
न वक्त बुरा है
न है लोग बुरे
हूं मैं वफा खुद से
और हूँ खफा भी खुद से
जब साथ ही न हो शरीर
और दिमाग खुद का
तो क्यों है उठाना उँगलियाँ किसी पर
न कोई बात है
और न ही कोई साथ है
बस मुझको बहुत कुछ याद है
और अब उन यादों के सहारे
खामोशी के गोद में कुछ पल के लिए
मौन हो कर लेटना है

Hello everyone, hope you all are very well. But I’m not.
I’ve decided to take a break from blogging and posting. I don’t know this break is long or short. But it’s not leaving forever.
I request you to everyone please drop your post link in my instagram or mail. Because you all are incredible. I don’t want to miss anyone post. So, please understand.
©Ashish Kumar
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मेरे ह्रदयेश्वर…..!!!!

July 8, 2020
Shanky❤Salty
सुनो ना नाथ जी
कहते हैं मुझको ये लोग
लिखुं मैं तुझपे
समझते क्युं नहीं है मुझको ये लोग
कैसे लिख दूं मैं उनपे
जिन तक बुद्धि नहीं पहुँच सकती
वहां तक मैं शब्द कैसे पहुँचाऊं
जो अबाधित है हर चीज से
उन्हें मैं शब्दों से कैसे बाँध सकता हूँ
जो ध्यान में लीन हैं
उन्हें मैं कैसे ज्ञान में ला सकता हूँ
जिन्हें न भूख है न प्यास है
उन्हें मैं कैसे कुछ भी अर्पण कर सकता हूँ
जिनका न कोई नाम है न कोई धाम है
उन्हें मैं कैसे जान सकता हूँ
देखा है मैंने
भाँग पीने से
नशा चढ़ता है
ठीक उसी प्रकार
तेरा नाम मेरे अंतः में बसता है
पर तेरी सौगंध खा कहता हूँ मैं
भोले बाबा के नाम से ही सारी ज़िंदगी सुधरता है
पता नहीं मेरे ह्रदयेश्वर
तुने मुझको क्या पिलाया है
तेरे नाम के जिक्र से ही
मेरी आँखों से पानी छलकता है
है पावन ये सावन मेरे प्रभु
कहते है लोग मुझको ना जाने क्यों
सुनों जाओ बाबा के मंदिर तुम
पर कैसे बतलाऊं मैं उनको यह
कि तुम मन कि चौखट पर आ बैठते हो
होती है तकलीफ जमाने को
चढता है जब तुझपे दूध तो
कर मन मंदिर में अभिषेक तुम्हारा
हम धारा अश्रुओं से
हो जाते हैं पल-दो-पल के लिए मौन,
ओ मेरे देवा
सुनो ना,
हाँ हाँ महादेवा
अब खुश हो न
जरा बतलाओ ना उनको
ना तो जन्म उसका ना ही मरण है उसका
फिर यह आशीष शरणागत है उसका

A topic suggested by
Priyanshi Dubey, Golden Moon
And a few more.
Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- Dr. Sakshi Pal
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दोस्त और दोस्ती……!!!!

September 26, 2019
Shanky❤Salty

ये दोस्ती भी बड़ी गज़ब की है
ना रंग देखती है, ना ढ़ंग
ना जात देखती है, ना पात
ना उम्र देखती है, ना रूप
जब से मेरे दोस्त मेरी ज़िन्दगी में आये हैं
ग़म मुझे मुड़ कर नहीं देखती हैं…!!

Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- A Wonderful Writer Radha Agarwal
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आजकल की मोहब्बत……!!!!

July 24, 2019
Shanky❤Salty
यारों आज कल की मोहब्बत का अपना ही अंदाज है
बंद कमरे में जिनके कपड़े उतारते है
बाहर निकलते ही उनकी इज्जत उतारते है

Written by:- Ashish Kumar
Modified by:- A Great Writer Ziddy Nidhi