
Shanky❤Salty
खुशियां ज़िन्दगी में कम होती जा रही है
दो रोटी के लिए हम माँ बाप से जो अलग होते जा रहे है
माँ बाप के प्यार जैसे प्यारा और कुछ नहीं लगता है
माँ बाप के चेहरे में खुशियां आसानी से दिख जाती हैं
पर ज़ख्मों का दाग दिख नहीं पाता है
अपने संस्कारों से
हमारी हिफाज़त करने का संकल्प जो लिया है उन्होंने
अपनी जान से भी ज्यादा हमको चाहा है
हम सबने सत्यवान और सावित्री कि कहानी सुनी ही होगी
की यमराज से भी अपने पति की प्रारण ले आती है
पर यह तो माँ बाप है जो मृत्यु तो बहुत दूर कि बात है
यह तो संकट को भी पास भटकने ना दें
ऐसा अद्भुत प्रेम है इनका
पिता हमारी खामोशियों को पहचानते हैं
माँ हमारे आँसूओं को आँचल में पिरोती हैं
बिन कहें ही हालातों को हमारे अनुकूल कर देते है
निस्वार्थ प्रेम (8)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े
दिल को छु देती है आपकी कविता |
LikeLiked by 1 person
पसंद करने के लिए धन्यवाद🙏💕
LikeLike
Very touching ❤️
LikeLiked by 1 person
Thank you aunty ✨🤗❤😇
LikeLiked by 1 person
You are on point to be consistent with these series of wonderful facts dear bro, so touching 🤨❤ be blessed. It’s definitely dipping the reader deep into practical emotions.
LikeLiked by 1 person
Thanks a ton boss🥳 ❤😇🤗
LikeLike
आप कुछ भी लिखते हो दिल से लिखते हो, कलेजा निकालकर रख देते हो। आपकी ऐसी कोई भी रचना नही जिसने दिल को ना छुआ हो। लाजवाब लेखन।👌👌
LikeLiked by 1 person
ये सब आपके आशीर्वाद और प्यार के वजह से ही संभव है✨ ❤😇🤗
LikeLike
Touching
LikeLiked by 1 person
Thank you❤🌹🙏
LikeLike
❤❤❤
LikeLike