
Shanky❤Salty
हर रिश्ते में स्वार्थ देखा है हमनें
एक माँ-बाप ही हैं जिन्हें निस्वार्थ देखा है
वो बचपन में ही खुशियों के रास्ते खोल देते हैं
हम बड़े हो कर उनके लिए ना जाने क्यों
वृद्धा आश्रम के रास्ते खोल देते हैं
पढ़ा-लिखा कर हमको काबिल बना देते हैं
पर हम कभी उनके दर्द को पढ़ नहीं पाते हैं
अपने अरमानों का गला घोट
जिन्होनें हमे इंसान है बनाया
हमनें अपनी इंसानियत को मार
माँ-बाप की आँखों से आँसू बहाया है
जिन्होंने हमको उंगली पकड़ चलना सिखाया है
हमने उनको हाथ पकड़ घर से बेघर कर दिखाया
अपनी ख़ुशबू दे हमको जिन्होंने फूल बनाया है
हमने तो काँटे दे उनको रुलाया है
जिसने काँधे पे बैठा हमें पूरा जहाँ घुमाया है
उसे सहारा देने पे हमें शर्म आया है
हमारी छोटी सी खरोंच पर
उसने मरहम लगाया है
हमने अपने शब्दों से ही
उनके दिल में जख़्म बनाया है
माँ-बाप ने हमें सुंदर घर बना कर दिया
हमनें भी उनको बेघर कर अपनी औकात दिखा दिया….(आगे जारी है)
आजकल कई घरों में यही हकीकत है। दुखद बात है। लोगों को इस विषय पर सही विचार करना चाहिए। (मानवता पूर्वक)
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जी करना तो चाहिए 😊
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वाह , दिल को छु लेने वाली प्रस्तुति|
सुंदर कविता के लिए बधाई |
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धन्यवाद अंकल ❤😇
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If only! each one of us could think along this line….
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Yes😊
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Bitter truth of life
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Yes aunty🥲
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So true… Amazing pic!!
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Thank you😊
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😊
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Heart melting facts bro, you are awesomely a great Son to your parents. I am proud about my sweetest bhai…More blessings in your coming ❣😇
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Thank you soo much diduu for your lovely blessings & kind support ✨🤗😇💞
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My support for you is ‘0’ compared to your’s 🤨
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