
Shanky❤Salty
जागरण
पुरी रात जागना
या अपने आत्मशिव में जागना
बलि
बकरे की, या किसी चिज वस्तु की
या अपने अहमं का बलि देना है
विदाई
क्या माँ हम सबसे विदा लेती है?
मेरी नज़रों में असंभव सा लगता है
हाँ, हम विदा ले सकते हैं
हम जुदा कर सकते हैं अपने मन और बुद्धि को माँ से
लेकिन माँ हमेशा मेरे साथ है और रहेगी
इसके तनिक भी संदेह नहीं है
कुपुत्र का होना संभव है लेकिन कहीं भी कुमाता नहीं होती
राम ने सब कुछ त्याग कर शांति का मार्ग बताया है
पर क्या तनिक भी त्याग है हम में है?
ग़र भुल से कही कुछ त्याग भी दिया
तो सरेआम ढ़िढोरा पीटने की बिमारी भी है
जब तक चित में त्याग नहीं होगा
तब तक चित में शांति नहीं होगी
क्योंकि शांति वही होती है जहां कुछ ना होता है
चाहे वो बाजार हो या हो मन
मेरे राम ने शस्त्र से पहले
शास्त्र उठाया था
तब जाकर शस्त्र का उन्होंने
सही ज्ञान पाया था
युं हीं नहीं राम ने
श्रीराम का ख़िताब पाया था