
Shanky❤Salty
जब रूह को छू लेता है विरह का आगाज,
धरती पर लहराती है अकेलापन की झाँझ।
जब आँखों के सामने होता है तू दूर,
होता है बेबसियों से भरा ये मन अदूर।
बिना तेरे दिल का ज़ज़्बा थम जाता है,
सपनों की दुनिया में अब सिर्फ ख़्वाब रह जाता है।
महकता है हवाओं में तेरी मुस्कान का गुलाब,
पर बेवजह उड़ता है उड़ जाता है ये ख़्वाब।
तू कहीं और है, मेरी राहों से दूर,
मेरे दिल में जगा है तेरा वीरान है नूर।
ख़्वाबों की खिड़कियों पर आता है तेरा सयाही,
लिखता हूँ मैं शब्दों में तेरी यादों की राही।
एक जुदाई का दर्द छिपा है इस गीत में,
अकेलापन के ख़्वाबों की है ये फ़रियादें।
पर ये लड़ रहा हूँ, ख़ुद से अपने दरियादें,
विरह के आगे जीने की दी है मुकाद्दर की हिदायतें।
ख़त्म होगी एक दिन ये तन्हाई की रातें,
फिर मिलेगी जब तू, बन जाएगा सब बदलती हालतें।
पर जब वो दिन आएगा, मेरे दिल का विरह तू छेड़े,
तभी फूलों की महक, चांद की रौशनी सब लौटेंगे।
विरह की यात्रा में मैं रह रहा हूँ खोया,
अपनी कल्पनाओं के संग खुद को पाया।
प्रतीक्षा के साथ दिल कर रहा है विरह गाना,
चाहत की लहरों में खुद को समा रहा हूँ आपके आगामन की मन्दाना।
तेरे बिना ये दिन सूने, रातें बेबसी में ढली,
तेरी यादों के बंद सितारे रूठे हुए रहे ज़मीन पे।
पर जब तू आएगा, बनेगा आशा का आभास,
फिर ये विरह का मनमोहक अकेलापन चला जाएगा हवासे।
विरह की कठिनाइयों से है मेरा दिल जूझ रहा,
पर यकीन रखता हूँ, तू आएगी, सब संभल जाएगा।
Inspired from this post 👉 प्रेम