
Shanky❤Salty
ज़रा सोचो ना
वो घर कैसा होगा?
जिसकी आँगन सुनी होगी
रसोई में बरतन टकराने की
आवाज तक नहीं आएगी
देर से उठने पर डॉट नहीं पड़ेगी
आँचार बाजार से खरीद खाना होगा
यार बेजान सी लगेगीं वो घर
कल्पना मात्र से रूह काँप उठती है
शौक तो बाप की कमाई से पूरी होती है
खुद के पैसे से तो बस
जरूरतें ही पूरी हो सकती हैं
ताउम्र बचपन रह जाएगा
गर तू माँ-बाप संग ज़िन्दगी बिताएगा
वो कहते हैं ना
उमर का फासला है
या कहूँ तो
उमर का फैसला है
हर किसी ने अपनों पर
अपना अधिकार जमाया है
बड़े होकर हर चिड़िया ने
अपना रास्ता बनाया है
निस्वार्थ प्रेम (17)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े
Beautifully presented 👏👏👏👏
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Thank you aunty ✨❤😇
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Excellently penned facts. Life has meaning n children will have value only when they know the cost of parent’s heart. Loving this series ❣👌👌
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Very true❣️
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👌👌👌
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❤❤
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💗💗
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