
Shanky❤Salty
मेरे इस सवाल का जवाब किसी के पास
नहीं होगा पर मेरी पंक्तियों को पढ़ हर किसी के
आँखों से आँसू छलक ही जाएगा
यार वो कितना भी पत्थर दिल क्यों ना हो
वो एक ना एक पल पिघल ही जाएगा
हमें जीवनसाथी तो हजारों मिल जाएंगे
परन्तु क्या माँ-बाप दुसरे मिल पाएँगे ???
अब बेसरमों कि तरह हाँ मत कह देना
हाथ दिल पल रख मैं कहता हूँ
एक बार प्यार से माँ-बाप को गले लगा के तो देखो
प्रेम दिवस उनके साथ मना के तो देखो
सच कहता हूँ तुम निःशब्ध हो जाओगे
जब माँ-बाप के हृदय से तुम्हारे लिए
करुणा, माधुर्य, वात्सल्य छलकेगा न
तब तुम्हारे रूह से आवाज आएगी
हो गए आज सारे तीर्थ चारों धाम
घर में ही कुंभ है माँ-बाप की सेवा ही शाही स्नान है
मान लो मेरी बात
बाकी तो आप जानते ही हो
क्योंकि सुना है आप समझदार हो
यही दिव्य प्रेम है
मेरे शिव जी ने भी कहा है:-
धन्या माता पिता धन्यो गोत्रं धन्यं कुलोदभवः
धन्या च वसुधा देवि यत्र स्याद् गुरुभक्तता
जिसके अंदर गुरुभक्ति हो
उसकी माता धन्य है, उसके पिता धन्य है,
उसका वंश धन्य है उसके वंश में जन्म लेनेवाले धन्य हैं,
समग्र धरती माता धन्य है
वैसे प्रथम गुरु कौन होता है हम सबको पता ही है
तो कर लो न गुरुभक्ति उत्पन्न
निस्वार्थ प्रेम (2)…..!!!!👉 यहाँ पढ़े
Speechless
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😇😇❤❤
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Beautifully said.
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Thank you❤
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खूबसूरत लिखा है ।
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पसंद करने के लिए धन्यवाद🙏💕
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Fantastic, Ashish 👏👏👏👏💐
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Thank you aunty❤
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Yes, strongly agree with you.
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Glad you liked it👏 😇❤
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❤❤
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