
Shanky❤Salty
संत सताये तीनों जाए तेज़, बल और वंश
ऐसे-ऐसे कई गये, रावण, कौरव, कंस
मुहम्मद इक़बाल मसऊदी की
कुछ पंक्तियाँ याद आ रही हैं
यूनाँ मिस्र रोम सब मिट गए जहां से
बाकी मग़र है अब तक, नामो निशां हमारा
कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सिदयों रहा है दुश्मन दौर-ए-जहां हमारा
जड़ों को काट कर हम फल की उम्मीद कर रहें हैं
संतों, महापुरुषों को सता कर विश्व शांति कि उम्मीद कर रहें है
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों कि डिग्री है ना तुम्हारे पास
फिर क्यों नहीं देश में अमन, चैन, शांति कायम कर पा रहें हो?
छोड़ो हटाओ
खुद को शांत क्यों नहीं कर पा रहें हो
ज़रा-ज़रा सी बात पर तनाव, क्रोध, हिंसा, चिड़चिड़ापन
आखिर क्यों
बहुत पढ़े हो तुम सब ना इसिलिए तो यह हाल है
घर में बात होती नहीं है अपनों से
और सोशलमीडिया पर हज़ारों फॉलोवर्स बना अपनापन दिखा रहें है
कोई पशु से प्रेम कर रहा है तो कोई पौधों से तो कोई चीज़ वस्तुओं से
पर हर पल हर छण मानवता कि हत्या हो रही है
मानवीय मूल्यों का गला घोटा जा रहा है
हम एक दुसरों से प्रेम कब करेंगे
बस स्वार्थ है और स्वार्थ है
ह्रदय में पीड़ा होती है
जब भी संतों का तिरिस्कार देखता हूँ तो
फिर से कहता हूँ
जड़ों को काट कर हम फल की उम्मीद कर रहें हैं
संतों पर अत्याचार कर हम विश्व शांति कि उम्मीद कर रहे हैं
पर एक सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर है क्या
इन बाबाजी के पास जो ये विश्व शांति और मानव मात्र के हितैषी है
तो जवाब सिर्फ एक ही है
ज्ञान ज्ञान ज्ञान और सिर्फ ज्ञान
वो भी गीता का ज्ञान
जिससे वो हर एक के भीतर अनहद नाद जगा सकते हैं
पर हम तो जड़ों को काट कर फल की उम्मीद कर रहें हैं
बुराई और दोष हमें बहुत जल्दी दिख जाती है
पर उनका निस्वार्थ सेवा कभी दिख नहीं पाता है
विकास के पथ पर हम नहीं विनाश के पथ पर बढ़ रहें है
मन में जहर है इसलिए तो समाज में भी वही घोल रहें है
ह्रदय में प्रेम नहीं है इसलिए प्रेम की चाहत रखतें है
ग़र है तुम्हारे अंदर करूणा, प्रेम, ममता, माधुर्य तो ज़रा बाँट कर दिखलाओ
पर सच में तुम तो जड़ों को काट कर फल की उम्मीद कर रहें हो
खैर छोड़ों मर्जी तुम्हारी हैं
जैसा करोगे वैसा ही भरोगे
वर्ष 2021 में एक पुस्तक लिखी थी “सच या साजिश ?: संस्कृती पर प्रहार” हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में। वह भी मात्र ₹१-२ के मुल्य पर आशा करता हूँ आप सब पढ़ेंगे और अपना विचार जरूर रखेंगे।
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Wow. Awesome, Ashish. You keep surprising me with gem of a post. Excellent thoughts. You are a multi talented person. Very good👍 👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏♥️♥️♥️
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😁😁
Thank you aunty & I’m very that you liked it😇
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Excellent 👍
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Thank You Aunty ❤✨🌹
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👌👌👌✍️🌈🍀🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘
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❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
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Wow, amazing 🤩
Ashish, you’re writings are visualising the facts. What an admiring thought 🤔 process. You’re an awesome, wonderful person . Kudos to your efforts 👏👏👏💐💟🙌
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Glad you liked it aunty✨❤😇🤗
And thanks for your lovely blessings🙏✨😇
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Wonderful and powerful words dear Bro. Great thoughts as always 👌 ❤
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Thank You Boss✨😁❤😇🤗
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Knowledge, it is!
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Yeah🤗❤✨😇
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Very power packed poetry. You have stated facts yet one can sense your frustration at today’s society scene and I feel it the same way. Your poetry inspires me.
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Thank you ❤🌹🙏
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Nice though
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Thank you Uncle❤🙏🌹
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Amazing poetry Ashish bhai
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Thank you dost ✨💚🤗
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बुराई और दोष हमें बहुत जल्दी दिख जाती है
पर उनका निस्वार्थ सेवा कभी दिख नहीं पाता है
बिल्कुल सत्य।प्रत्येक पंक्तियां सत्य को दर्शाती हुई।👌👌
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✨🤗❤😇
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