
Shanky❤Salty
ज़िंदगी भी अब मुझको व्यर्थ सी लगती है
खुद का अस्तित्व ढुँढनें में मुझको असमर्थ सी महसूस होती है
मेरी हर कोशिश ना जाने क्यों व्यर्थ सी होती है
हर पल लोग खफा हो जाते है
हर जगह हम असफल हो जाते है
आँखे बंद करते हीं आँखों से आँसु बह जाते है
इंसानियत पल-दो-पल मिटता जाता है
एक-दुजे से इंसान जलता ही जाता है
मुट्ठी में रेत की तरह समय बितता जाता है
अर्थ कि चिंता कर मनुष्य एक दिन अर्थी पर लेट ही जाता है
बहुत ख़ूबसूरत कविता और अपने मन की व्यथा दिखाई है 🌷👌😟👏 कभी कभी वक्त ऐसी स्थिति में हमें ले कर और
अपने मनकों बहुत वेदना देती है , पर हम विचलित किये बिना अपने उम्मीदों पर नियंत्रण रख कर चलना है अपने मंज़िल तक👌
बहुत बधाइयाँ 👏 🙏
LikeLiked by 2 people
बहुत मुश्किल होता है शब्दों में लिखना 😊
पसंद करने के लिए ह्रदय से आभार आण्टी ❤🤗
LikeLiked by 1 person
ढेरों सारी शुभकामनाएँ 👌🙏🌷 धन्य रहें 👏
LikeLike
Khoobsurat
LikeLiked by 1 person
Thank You Aunty❤🤗🤗
LikeLike
Right👍 it happens with me too. 🙂
LikeLiked by 1 person
This is the condition of everyone but no issue. Keep smiling, be happy🤗
LikeLiked by 1 person
True🙂
LikeLiked by 1 person
🙂
LikeLike
सुंदर कविता।
LikeLiked by 1 person
पसंद करने के लिए ह्रदय से धन्यवाद🙏💕
LikeLike