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डेल्टा प्लस……!!!!

Shanky❤Salty

मास्क हम लगाएंगे नहीं
“वैक्सीन” ?
अरे ये मैंने किसका नाम ले लिया
सुना है इसको लगाने से
नपुंसकता आती है?
यार एैसे भ्रामक और बेहुदी
अफवाह हम फैलाएगें
और दोष की अंगुली
सरकार पर उठाएगें
अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है
महंगाई बढ़ रही है
पेट्रोल-डीजल की तो
बात ही छोड़ो जनाब
दो साल से
मुफ्त अनाज तो ले ही रहें है
मुफ्त वैक्सीन भी ले ही लेगें
दफ्तरों में भी कोरोना का नाम ले
कामचोरी भी कर लेगें
दो पैसे के टैक्स बचाने में
हम तो माहिर है जनाब
आठ-दस बच्चे पैदा कर
पंचर की दुकान खोल
देश के संसाधनों को खत्म कर
सरकार को गाली देने
का काम हम बखूबी करेगें
पर अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट कर
हम कोरोना की
तीसरी लहर का स्वागत के करेगें
यक़ीनन मौतें कम थी
कोरोना की दुसरी लहर में
कोई नहीं मौत के आकड़े
हर रोज घर में गिनना
अपने मतों से बहुमत
दे कर सरकार बनवाना
फिर उसी सरकार को
पुर्ण रूप से गलत ठहरा देना
हमें बखूबी जो आता है


Written by:- Ashish Kumar
My words are incomplete without support of Ziddy Nidhi

Author:

I am Ashish Kumar. I am known as Shanky. I was born and brought up in Ramgarh, Jharkhand. I have studied Electronics and Communication Engineering. I have written 10 books. I have come to know so much of my life that life makes me cry as much as death. Have you heard that this world laughs when no one has anything, if someone has everything, this world is longing for what I have, this world. Whatever I am, I belonged to my beloved Mahadev. What should I say about myself? Gradually you will know everything.

50 thoughts on “डेल्टा प्लस……!!!!

  1. बेहतरीन पोस्ट जिसमे कटाक्ष, दर्द और दुख भी कि क्या ऐसा ही सपना देखा था आजादी के मतवालों ने। क्या खूब बन गया है देश अपना। हर बात में आलोचना। शायद जनता ऐसी ही होती है—

    कर्तव्य
    कुछ भी ज्ञात नही,
    मगर पता है,अधिकार क्या,
    कुसूर इनका,कुछ भी नही,
    मगर दोष सारा,तख्तो-ताज का,
    कहने को ये निरीह,भोली-भाली,
    मगर गहरा चोट करते,
    भर दो क्यों ना घर अनाज से,
    मगर शिकायतों का ही केवल कोष रखते,
    गवाह है इतिहास,
    कर गए करने वाले
    अपना न्यौछावर सबकुछ,
    रिक्त कर गए खजाना,
    लुटा गए
    अपने जिस्म का
    कतरा-कतरा खून,
    हार गए ईश्वर भी नर रूप में आकर,
    अपना त्याग दिखाकर,
    इनकी तो फितरत है
    सब त्याग,
    सब प्रेम भूल जाने की,
    बहकावे में आकर,
    आरोप लगाने की,
    अरे,ये अब क्या समझेंगे
    जो अबतक ना समझ पाए कि,
    माँ सीता का कुसूर क्या था?
    प्रभु श्रीराम को रुलाया किसने?
    बहुत निर्मम होती है ये जनता,
    इनको सन्तुष्ट कर पाया किसने।
    बहुत निर्मम होती है ये जनता,
    इनको सन्तुष्ट कर पाया किसने।

    Liked by 6 people

    1. एक सुकून है आपकी पंक्तियों में अंकल। क्या कहूँ मैं……बस अब कुछ कहना सही नहीं है। क्योंकि मुझे किसी ने बहुत कुछ कहा मेरे पोस्ट को लेकर……..आँखों से आँसू तक छलक गए मेरे। पर कोई बात नहीं आज कुछ नहीं कहूँगा मैं। 2024 में जब मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तब देश किस दिया से गुजरेगा तब कुछ कहूँगा। यकीन सरकार तो बीजेपी की हो या किसी कि भी हो पर मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं रहेगे यह निश्चित है।
      मैं बस प्रार्थना करता हूँ आलोचना कितनी भी क्यों ना हो बस देश सुरक्षित रहना चाहिए 🙏🙏

      और आपकी पंक्तियाँ सच में मुझे और लिखने कि प्रेरणा देती है💕😊🤗

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      1. सत्य लोग पढ़ना और सुनना नही चाहते और ना ही देखना पसंद करते है। और जो सत्य दिखाना चाहते हैं लोग उसे चाटुकार और भक्त के नाम से पुकारते हैं।
        धारा के विपरीत चलने पर आवाज निकलना स्वाभाविक है।
        लिखते रहिए। बहुत बढ़िया।

        Liked by 3 people

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