March 28, 2021
Shanky❤Salty
होली हुई या हो गई है
या होनी बाकी है अभी
या हो रही है
ज़रा बतलाओ मुझको,
लकड़ियों के ढ़ेर को जलाया
या होलिका को जलाया
ज़रा बतलाओ मुझको,
पापिन, अविद्या को जलाया
या राघ, द्वेष को जलाया
ज़रा बतलाओ मुझको,
सीमित रह कर होली मनाया
या उस असीमित को पार कर होली मनाया
ज़रा बतलाओ मुझको,
जहाँ आशा जली नहीं
तृष्णा मिटी नहीं
ईष्या की आग मन में लगी
कैसे मनाई फिर होली
ज़रा बतलाओ मुझको,
वक्त बीता और मुख में अग्नि पड़ी
यार कैसे मनी होली
वो रंग ही क्या जो चढ़ कर उतर जाए
लाल से रंगा
पीले से भी रंगा
और हरे से भी रंग लिया
पर वह तो पानी से धुल गया
फिर कैसे मनी होली
ज़रा बतलाओ मुझको,
सुनो ना राम
अरे हाँ श्याम
तुम मुझे अपने ही रंग में रंग दो ना
ज्ञान के रंगों से
माधुर्य के रंगों से
वात्सल्य के रंगों से
चढ़ा दो मुझ पर श्याम ऐसा रंग
जो कभी ना उतरे
अज्ञान मिटा ज्ञान का रंग लगा दो ना
मोहन मुझे अपने ही रंग में रंग दो ना
ये रंग और कहीं नहीं मिलेगा,
जैसे मेहंदी के हरे पत्ते में ही लाली छुपी है
वैसे ही हमारे भीतर ही सब कुछ है
बस यह होली खुद से खेलों
फिर तो हर क्षण होली है
👌👌
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💕🤗
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Happy Holi
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Happy Holii Didi💕🤗
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बहुत ही सुंदर रचना व संदेश 👏👏
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
आप स्वस्थ व प्रसन्न रहें 😊
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आपको भी दीदी होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं 🥳
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HAPPY HOLI🍭
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Happy Holii🥳🥳🥳
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Thank you for sharing this.
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🙏😄
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Happy Holi..
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Happy Holii Aunty 💕🤗
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Thank you 😊
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😊
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Happy Holi!
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Happy Holi aunty💕🤗
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😊
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बिलकुल सही कहा—-
रंग तो धूल गए
जो चढ़ाए तुमने
अपने तन पर,
मन पर तेरा वश कहाँ,
वो तो अब भी रँगा उसी रंग में,
जो रंग है पाप का,
जरा खुद से कभी पूछना,
जला पाए क्या
मन से होलिका।।
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वाह😍
मेरे पंक्तियों में चार चाँद लगा दिया आपने🙏🤗
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आपकी पंक्तियाँ है ही ऐसी। सुक्रिया।🙏
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😇😇😇
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