May 20, 2020
Shanky❤Salty
जिन्दगी ने सिखाया है मुझको
भुल कर भी न पालों ख्वाहिशों को इतना
कि रूठ बैठो तुम खुद से
जितनी ख्वाहिशें अपने भीतर पालोगे उतना ही सूकुन खोते जाओगे
जिन्दगी ने सिखाया है मुझको
भुल कर भी न पालों ख्वाहिशों को इतना
कि रूठ बैठो तुम खुद से
जितनी ख्वाहिशें अपने भीतर पालोगे उतना ही सूकुन खोते जाओगे
👌👌
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💐😊
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Great👏
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Isn’t it?❣
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It iss… 👏🌸
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Thank you soo much🌺😊
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Well done Baby. Love this type of inspirational thought👌
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Maatee aapki ki kripaa haai sb🙏🙏😂😂
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Amazing shanky👌
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Wo to mai hu hi😎
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सच कहा आपने..!
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धन्यवाद भाई💐😊
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🙂
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बात तो सही है. पर हसरतों, ख़्वाहिशों और सपनों का क्या है? बिना बताए हीं ज़िंदगी में शामिल होने लगते हैं.
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आपके कमेंट से कुछ पंक्तियाँ याद आ गईं। पढ़ा ता कही मैंनें “गुरु जी तुम तस्ल्ली न दो, बस बैठे रहो, सच कहता हूँ महफिल का रंग बदल जाएगा, ये रोता हुआ दिल भी संभल जाएगा”
जो आते है आने दीजिए, जो जीते है जाने दीजिए, बस आप कुछ न कीजिए। आपने आप में रहिए।
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बहुत गहरी बात कही तुमने.
ध्यान लगाने का प्रयास करनेवालों को भी यही सिखाया जाता है –
जो विचार आते है आने दीजिए, जो जाते है जाने दीजिए, बस आप कुछ न कीजिए। आपने आप में रहिए।
निर्विकार भाव से विचारों को देखते रहें.
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शायद इसलिए क्योंकि शिव जी ने माँ से कहा था नास्ति ध्यानं समं तीर्थं नास्ति ध्यानं समं यज्ञं नास्ति ध्यानं समं दानं तस्मात् ध्यानं समाचरेत !!
ध्यान के सिवा कुछ भी नहीं है। और जो भी होता है सब नाथ जी का ही तो है – गीता तो यही सिखाती है न।
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वाह!! बिलकुल सही.
इतनी अच्छी बातें तुमने शेयर की . दिल ख़ुश हो गया. अच्छा लगा श्लोक पढ़ कर.
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ख्वाइश पालो पर अपनी ताकत के आधार पर।…👏👏👌👍
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सत प्रतिशत सत्य कहा आपने🙏🙏💐😊
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Great
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Thank you❣
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Thanks for appreciating my poetry, hope fully you liked my work in future.
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Most of your posts are on tumblr & I’m not using tumblr. So that I have a little problem to read your writings.
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Ohh
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U can see my work on wordpress it’s okay.
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But the text is very small in image😅
Why don’t you try YourQuote app
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sahi baat hai hum apne dreams ko pura karne me itne busy ho jate hai ki khud ko hi bhul jate ha
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Haa tklif tbhi hota hai jb wo khawaais puri ni hoti h….or hm khud ko naalayak, chotaa, pagal ye sb smjh lete hai😅😅😅
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बहुत दिनों बाद खुशी का राज पन्नो पर दिखे।
निश्चित सपने अपनी मर्जी से आते हैं और आती हैं बहारें भी और चली भी जाति है मगर
जिसे हम हासिल करते अपने बल उसे खोने का गम बताना मुश्किल।
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आपके शब्दों से किसी का लिखा हुआ शायरी याद आ गईं
“ऐ ज़िंदगी…तेरी नाराज़गी से क्या होगा? मुस्कुराना मेरी आदतों में शामिल हो गया है”
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Bahut sahi kaha aapne !!
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👌👌👌
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सपने ही परेशान करते हैं
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बिलकुल सही कहा💐😊
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