February 13, 2020
Shanky❤Salty
हर रिश्ते में स्वार्थ देखा है हमनें
एक माँ-बाप ही हैं जिन्हें निस्वार्थ देखा है
वो बचपन में ही ख़ुशियों के रास्ते खोल देते हैं
हम बड़े हो कर उनके लिए वृद्धा आश्रम के रास्ते क्यों खोल देते हैं
पढ़ा-लिखा कर हमको क़ाबिल बना दिया है
पर हम कभी उनके दर्द को पढ़ न पाया है
अपने अरमानों का गला घोट
जिन्होनें हमे इंसान है बनाया
हमने अपनी इंसानियत को मार
माँ-बाप के आँखों में आँसू लाया है
जिन्होंने हमको उंगली पकड़ चलना सिखाया है
हमने उनको हाथ पकड़ घर से बेघर कर दिखाया है
अपनी ख़ूशबू दे हमको जिन्होंने फूल बनाया है
हमने तो काँटे दे उनको रुलाया है
जिसने काँधे पे बैठा हमे पूरा जहाँ घुमाया है
उसे सहारा देने पे हमे शर्म आया है
हमारी छोटी सी खरोंच पर उसने मरहम लगाया है
हमने अपने शब्दों से ही उनके दिल में जख़्म बनाया है
माँ-बाप ने हमें सुंदर घर बना कर दिया
हमनें भी उनको बेघर कर अपनी औकात दिखा दिया
बचपन में बच्चों कि तबियत बिगड़ती थी
तो माँ-बाप कि धड़कनें बढ़ती थीं
आज माँ-बाप कि तबियत बिगड़ी है
तो बच्चे ज़ायदात के लिए झगड़ते हैं
14 फरवरी को हम प्रेम दिवस मनायेंगें
माँ-बाप को भूल प्रेमी संग ज़िन्दगी बितायेंगे
सच कहूँ तो
रूह को भुल ज़िस्म से इश्क़ कर दिखायेंगे
पता नहीं माँ-बाप ने कैसे संस्कार है हमको दिये
बड़े होते ही इतने बतमीज़ बन गए
जिनकी कमाई से अन्न है खाया
आज उनको ही दो वक़्त की रोटी के लिए है तरसाया
गूगल पर माँ-बाप की बहुत अच्छी और प्यारी कविताएँ मिल जाती हैं मुझको
पर पता नहीं क्यों मैं निःशब्ध हो जाता हूँ वृद्धा आश्रम की चौखट पर आ कर
कर माँ-बाप का तिरस्कार वो
ख़ुदा के सामने आशीर्वाद हैं माँगते
अब किन शब्दों में समझाऊँ मैं उनको
हमारे ईश्वर ही माँ-बाप बनकर हैं आते
अपने संस्कारों से जिसने हमें है पाला
आज हमने अपनी हरकतों से जीते जी माँ-बाप का अंतिम संस्कार है कर डाला
भरे कंठ लिए एक सवाल है
ग़र माँ-बाप से मोहब्बत है
तो
वृद्धा आश्रम क्यों खुले हैं????
हमें जीवनसाथी तो हजारों मिल जाएंगे
परन्तु क्या माँ-बाप दुसरे मिल पाएँगे?
मैं दिल पर हाथ रख कहता हूँ
एक बार प्यार से माँ-बाप को गले लगा के तो देखो
इस बार ये प्रेम दिवस उनके साथ मना के तो देखो
सच कहता हूँ तुम निःशब्ध हो जाओगे
जब माँ-बाप के ह्रदय से तुम्हारे लिए करुणा, माधुर्य, वात्सल्य छलकेगा न तब तुम्हारे रूह से आवाज आएगी
हो गए आज सारे तीर्थ चारों धाम
घर में ही कुंभ है
माँ-बाप की सेवा ही शाही स्नान है
मान लो मेरी बात
यही दिव्य प्रेम है
बाकी तो आप जानते ही हो
क्योंकि सुना है आप समझदार हो
मेेरे शिव जी ने भी कहा है:-
धन्या माता पिता धन्यो गोत्रं धन्यं कुलोदभवः
धन्या च वसुधा देवि यत्र स्याद् गुरुभक्तता
जिसके अंदर गुरुभक्ति हो उसकी माता धन्य है, उसके पिता धन्य है, उसका वंश धन्य है उसके वंश में जन्म लेनेवाले धन्य हैं, समग्र धरती माता धन्य है ।
वैसे प्रथम गुरू कौन होता है हम सबको पता ही है। तो कर लो न गुरूभक्ति उत्पन्न।
मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूँ ह्रदय की पीड़ा है जब सुनता हूँ बलात्कार हुआ, किशोराअवस्था में बच्ची गर्भवती हो गई, 17साल की बच्ची का गर्भपात हुआ, इश्क कर बच्चे भाग गए…..अब आगे क्या कहूं मेरे आँसू ही जानते है।
शायद माँ-बाप ने अच्छे संस्कार नहीं दिये होंगे इसलिए ऐसा हुआ होगा। यह कह हम ही ऊँगली उठाते है।
अच्छा छोड़ो ये सब बातें
ग़र तुम्हें एक साथ
आँखों से सच देखना है
और कानों से झूठ सुनना है
तो किसी वृद्धा आश्रम जा कर
वहाँ रहने वाले किसी से भी
उनकी ख़ैरियत पूछ कर देखो
तुम खुद-ब-खुद समझ जाओगे
मैं कहना क्या चाहता हूँ
और लिखना क्या चाहता हूँ
ख़ैर छोड़ो
तुम बड़े हो गए हो
तुम्हारे पास वक़्त कहाँ
सच में
अब तुम बड़े हो गए हो
वक़्त कहाँ है, बुढ़ापा आने में
निकल रहा था मैं वृद्धाआश्रम से
अचम्भित सा रह गया
गुजरते देखा मैंने एक औरत को
वृद्धाआश्रम के बगल से
शुक्रिया अदा कर रही थी वह ईश्वर को
रहा न गया मुझसे
पूछ बैठा मैं “आप कौन हो”
मुस्करा वह कह गई “एक बाँझ हूँ”
गूगल के द्वारा पता चला है भारत में कुल 728 वृद्धा आश्रम हैं
और 2 करोड़ अनाथआलय हैं
वो कहते है न कर्म का फल सबको भोगना ही पड़ता है…!!
खैर छोड़ो तुम्हारी जो मर्जी हो करणा
बस हाथ जोड़ कहता हूँ
सिर्फ एक बार…….
सिर्फ एक बार…….
ये इश्क नहीं है आसान
गर भूल गया जो तू अपने माँ-बाप को
तब फिर तू काहे का है इंसान
अतुल्य प्रेम का उदाहरण माता पिता। 👍😊🌺 🙏 नतमस्तक उनके आगे। बहुत सुंदर कविता और बहुत अच्छा संदेश देती है दोस्त आपकी कविता। निशब्द कर देती हैं। माता पिता के समर्पण की जब बात आती है। 🙏💕
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क्या कहूं मैं…..बस हाथ जोड़ धन्यवाद🙏
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🙏😊
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👌🌸
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दिल से धन्यवाद दीदी….आपके बगैर मेरे शब्द कुछ भी नहीं है💐😊
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Really very interesting post,thank you for sharing.🌹👍
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Thank you so much sir🙏😊
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Most welcome dear.🌹💕
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❣❣❣❣❣
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Nice one
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Glad you liked it🌸😊
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I agree with you
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Yes sir, I think No parents wants his or her child to disobey his or her and violate social norms and succumb to a profligate lifestyle, becomes mean by leading a selfish life, moan and groan in the old age. If the children respect their parents, they will receive auspicious blessings from their hearts.
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Yes u rite at present large number of boys and girls does not obey their parents.
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That’s the main reason to increase rape, abortion, & many more crimes.
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Yes it is one of the main causes if increasing crime, murders, rape abortions and increase in the number of illegal born children.
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Absolutely
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In these parties the use of alcohol and drugs are also used which increases the chances of crime especially against girls
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But why the childrens use alcohol and drugs???
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In Delhi most of the parties is based on alcohol. Now the children also crime under age of 16. This is not surprising. Their parents are busy in work or parties and their children also visit this type of parties
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This happens because lack of knowledge of our culture.
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Yes u rite
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👌
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Thank you didi…..likhaa to maine but aapne sundar kr diya🍭🍬😊
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👌👌👌👍👏👏👏❤😇
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🍭🍬😊😊😊
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ashish bhai..bahut khoob👍
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Thank you sister🍭🍬😊
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बहुत बेहतरीन लेखन।
दर्द भरी रचना और बेहतरीन उदाहरण प्रेम का।
वो बचपन में ही ख़ुशियों के रास्ते खोल देते हैं
हम बड़े हो कर उनके लिए वृद्धा आश्रम के रास्ते क्यों खोल देते हैं।
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ह्रदय कि पीड़ा थी….शब्दों का रूप देने का एक छोटा सा प्रयास था….जिससे लोग समझे और माँ-बाप के प्रति अपना प्रेम समर्पण करें।
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बहुत ही सच्चा और बढ़िया लिखा है।माता पिता तो त्याग और समर्पण का प्रतिक है।👌👌🙏🙏
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कास ये बात बात हर कोई समझ पाता। वैसे आपका बहुत आभार💐😊
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The love of parents is immeasurable. Nothing can be compared. They gave us life and their love is unconditional. That we stop taking interest in it, is unforgivable. There is no person more helpless than the elderly. Leaving them to their own luck is not forgiven. We must be grateful and above all, we must be human and let ourselves be selfish and see only our own interest. Your poem is a complaint, a cry to continue loving our parents. A poem poignant and a great reflection. I liked it and it reached my soul. Greetings.
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First of all I’m sorry for late reply. I thank you from the bottom of my heart😊 I’m really very very glad that my words touched your soul🙏
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Do not worry. It usually happens sometimes. I understand it. The important thing is what you write and you do it very well. Greetings.
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Obviously Sir, and thanks you soo much for giving your precious time to read my writing🙏😊
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I am Indonesia, your artikel the best and nice..
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🙂
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