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मुझे याद है वो दर्द में थी….!!!!

December 20, 2018
Shanky❤Salty

मुझे याद है कि वो दर्द में थी

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या शायद एक कोशिश थी

पूरी जिंदगी हम सबको दर्द देने कि

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तुम्हें हम सब से शिकायत थी ना!!!

पर तुम्हारे पागलपन से

हम सबको सारी जिंदगी तुमसे शिकायत रहेगी

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तुमने तो मौत को गले लगा कर

खुद को दर्द से आजाद कर लिया

और

सारी जिंदगी हम सबको

दर्द में आँसुओं से कैद कर दिया

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क्युं किया तुमने????

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खुश हो ना अब तुम

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मुझे

अकेला देख

रोता देख

तड़पता देख

खुद पर चिल्लाता देख

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पागलपन तुमने किया

पर पागल मुझको बनाया

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हम एक बार बात तो कर सकते थे

पर शायद मैंनें मौका दिया नहीं

और तुमने कोशिश किया नहीं

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एक बार देखों ना

मैं तेरा हर सपना धीरे-धीरे पूरा कर रहा हूं

और

क़तरा-क़तरा जी रहा हूं

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तुम होती तो ये होता

तुम होती तो वो होता

पर हकीकत में ये होता

तुम होती तो शायद मैं तेरे साथ ना होता

पर दिखावे के लिए मैं

सबके साथ होता

छोटी छोटी बातों में खुश होता

पर हकीकत में मैं तनहा होता

तुझ में खोया हुआ होता

पर अब मैं सिर्फ अकेला रहता

तनहा रहता

आँसुओं से घिरा रहता

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करीब 17-18 दिन पहले कि बात है

रात को अचानक नींद टूट गई थी

पसीने से भीगा हुआ था

बिस्तर पर मुश्किल से अपना मोबाइल खोजा

और जल्दी से स्विच औन कर वक्त देखा

2बज कर 17 मिनट हो रहे थे

बहुत अक-बकाहट सा महसूस कर रहा था

बिस्तर से उतरने का कोशिश किया तो

पैर लड़खड़ा गए

स्वास लेने में काफी तकलीफ

महसूस कर रहा था

फ्लैसलाईट जला कर अपने टेबल पर

इनहेलर खोजने कि एक कोशिश किया पर

याद आया कि दवा मेरे लैपटॉप बैग में थी

और

लैपटॉप बैग मम्मी के रूम में

हिम्मत नहीं था कि वहां तक चल के जा सकूं

बस रोना आ रहा था

और

काफी असहज महसूस कर रहा था

बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था

शायद दिल कि धड़कन तेज थी

मैं सोने कि कोशिश करता तब तक याद आया ब्लड प्रेशर चेक करता हूं

टेबल पर हि ब्लड प्रेशर कि मशीन थी

ये क्या हो गया

मैं रोता रोता सोने कोशिश करता रहा

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मन नहीं करता अब कुछ करने को

ना हि लिखने को

ना हि पढ़ने को

अब तो वर्डप्रेस पर भी मैं अकसर बिन पढ़ें लोगों के पोस्ट को लाईक कर देता हूँ

ना हि किसे से बात करने को दिल चाहता है

बस अकेले रहने को दिल करता है

और चिलाने का मन करता है

अब तुम होती तो कहती मन चंडाल होता है

देखो ना

मेरे एक दोस्त ने मुझे घड़ी दिया

चार दिन हि हुए थे

रोड पार कर रहा था

कोई बाईक से आया

धक्का मार के चला गया

और घड़ी भी टूट गया

साथ हि हमारा दिल भी

देखो ना

खुशियाँ टिकती नहीं

दर्द जाती नहीं

ना जाने अब इस जिंदगी में

हमें कितने आँसू बहाने है

ये जिंदगी कट रही है

इनहेलर और इको-एसप्रिन के सहारे

तुम्हारी यादों के सहारे

सच कहूं तो झूठे वादों के सहारे

देखो ना

मैंने 3062 दिन कि

अपनी बुरी आदत को छोड़ दिया

अब मोबाइल बिना औफ किये सोता हूं

पर फिर भी

मेरे से नींद रूठी है

अपने रूठे है

शायद मैं

फिर जिंदगी से रूठा हूँ

धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा हूं

अपनी आदते बदल रहा हूं

तुम होती तो कहती

अपना लच्छन बदलो सब बदल जाएगा

तुम अकसर कहा करती थी

जब बिल्ली रास्ता काट दिया करती थी

मत जाओ अभी, थोड़ी देर रूक जाओ

घर से निकलते वक्त दूध मत पिया करो

रात को नाखून मत काटा करो

नॉन-भेज खा के मंदिर मत जाया करो

और भी एैसी तमाम छोटी-छोटी बातें थी

जो तुम कहा करती थी

और मैं कभी नहीं मानता था

ठीक है

सब कुछ बदल लूंगा

सब कुछ मान लूंगा

पर क्या फिर से वो वक्त लौट आएगा

अच्छा छोड़ो

वक्त ना सही तुम लौट आऔ बस

और कुछ नहीं

और कुछ नहीं

और कुछ नहीं

Author:

I am Ashish Kumar. I am known as Shanky. I was born and brought up in Ramgarh, Jharkhand. I have studied Electronics and Communication Engineering. I have written 10 books. I have come to know so much of my life that life makes me cry as much as death. Have you heard that this world laughs when no one has anything, if someone has everything, this world is longing for what I have, this world. Whatever I am, I belonged to my beloved Mahadev. What should I say about myself? Gradually you will know everything.

44 thoughts on “मुझे याद है वो दर्द में थी….!!!!

  1. This made me cry… Beautiful and heart touching..
    Sorry for this but life is about moving on. People may or may not stay together but we have to stay strong in the process. I know it’s difficult but just believe in yourself and you can do this, you can move on… All the best.

    Liked by 3 people

    1. I don’t know what should I reply to you because I’m totally confused & hopeless. You are right Heena I’ll try to move on but I think moving ahead is far better than move on. I don’t know my thinking is good or bad. BTW Heena, thank you so much from my bottom of heart for caring & this wonderful suggestion.

      Liked by 2 people

  2. Intense creation. A painful read indeed. The emotions and pain can be felt while reading it. Hope this is a work of fiction and not reality. As far as your writing is concerned it’s a masterpiece. Well written.

    Liked by 3 people

  3. गुजरा वक़्त वापस कब आया है।इंसान तड़पता रह जाता है।ज्ञान होता है मगर मुस्कान खो जाता है।दिल से लिखी गयी कहानी दिल को छूती हुई।दर्दनाक।

    Liked by 3 people

    1. जी सर, कभी नहीं आता है गुजरा वक्त। पर क्या करूं दिमाग के पास ज्ञान होता है दिल के पास नहीं। कौन इस बेवकुफ दिल को समझाए।😳

      Liked by 1 person

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