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एक कहानी एैसी भी….!!!!

October 11, 2018
Shanky❤Salty

एक कहानी एैसी भी

जहाँ चंद सिक्कों के लिए

जिस्म बेचा जा रहा है

बात तो हम समलैंगिता कि करते है

पर दोस्ती के पवित्र रिश्ते पे सवाल उठाते है

वैश्यावृति पे बात करते है

पर कोठे पे जा सौदेबाजी करते है

घर पे चुल्हे कि आग जलाने के लिए

रात भर जिस्म को हवस कि आग में वो खुद को जलाती रही

बारिस कि बुंदों में

उसकी आँखों में आँसू देखा है

बच्चों के पेट भरने के लिए

खुद को बजार में बेचते देखा है

उसके शरीर पे चंद खरोचे हि थी

असली जख्म तो दरिंदों ने आत्मा में दि थी

जात-पात कि दुनिया में

वैश्यालयों पे रहती महिलाओं के जात कोई नहीं पूछता

ईश्वर के घर को भी दरिंदों ने नहीं छोड़ा

हवस कि आग में बच्चीयों को जलाकर

दरिंदगीं का छाप है छोड़ा

कच्ची उम्र में वो धंधे पे आईं

हालात कि मार है वो खाईं

हर रात अपनी एक नईं कीमत वो पाईं

उसकी चीख और आँसू भी काम है आते

लोग मुस्कराते हुए पैसे दे जाते

लोगों ने तुम्हें “तोल दिया”

“तुम कहीं भाग गईं” घर वालों नें झूठ है बोल दिया

पर हकिक्त में अपनें नें तुम्हें है बेच दिया

मर्दों में हवस कि आग ना होती

तो घर के बाहर हर बच्चीयाँ महफुज होती

और वह औरत आज तवायफ ना होती

बस इतनी सी ही है लाल बत्ती कि कहानी

Image credit SG16
Special thanks to Shilpa from Meergunj, Allahabad

Author:

I am Ashish Kumar. I am known as Shanky. I was born and brought up in Ramgarh, Jharkhand. I have studied Electronics and Communication Engineering. I have written 10 books. I have come to know so much of my life that life makes me cry as much as death. Have you heard that this world laughs when no one has anything, if someone has everything, this world is longing for what I have, this world. Whatever I am, I belonged to my beloved Mahadev. What should I say about myself? Gradually you will know everything.

48 thoughts on “एक कहानी एैसी भी….!!!!

    1. आपने पसंद किया और प्रशंसा कि इस से ज्यादा खुशी कि बात मेरे लिए और कुछ नहीं हो सकता। बहुत बहुत धन्यवाद आपका🙏💐🌺😊

      Liked by 2 people

  1. शब्द रहित हूँ।दिल को झकझोर देनेवाली कविता।बिल्कुल सत्य लिखा है।

    बारिस कि बुंदों में

    उसकी आँखों में आँसू देखा है

    बच्चों के पेट भरने के लिए

    खुद को बजार में बेचते देखा है

    Liked by 1 person

    1. पैसे के लिए इंसानियत कि हत्या हो रही है। तकलीफ होती है पर कुछ कर नहीं सकता। लाचार हुं। धन्यवाद सर मेरी पंक्तियाँ को और भावनाओं को पसंद करने के लिए🙏🙏😥

      Liked by 1 person

  2. यह ब्लॉग बहुत ही दुःखद भरी दिल को खेदित करनेवाली पोस्ट है। लेकिन इस हालत में बदलाव लाने की सुझावा है किसी के पास?
    हर एक के दिल में जब तक मानवता का स्वभाव से औरतों से व्यवहार करने का तय करेंगे तबतक शायद इस परिस्थिति में थोड़ा सा परिवर्तन लाने की संभवता है।

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    1. बात तो आपने सत प्रतिशत सत्य कहा है पर हालात अब और भी खराब होगी। इस स्थिति को सुधारने के बजाय और भी खराब कर दिया गया है। अधिकार के नाम पर धारा 497 को लागू कर परिवार को तोड़ने और समाज मे व्यभिचार फैलाने का एक सुनियोजित साजिश किया गया है।

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