Posted in Uncategorized

गरीबी…..!!!

July 9, 2018
Shanky❤Salty

मुझे आज कुछ कहना है
इस गरीबी पे
इस भूख पे
क्युकिं आज मैंने गरीबी और भूख को पास से देखा है

चार दीवारी में बैठ कर
मैं घर बनवा रहा
बाहर कड़ी धूप में मजदूर-मिस्त्री को जलते देखा
ताकि वो अपने घर का चुल्हा जला सके

गरीबी बिन माँगे हुनर देती है
बीस कि उम्र में मजदूरी करना सिखा देती है
चावल के कुछ दाने ही काफी है भूख मिटाने के लिए
सुना है गरीबी फरमाईस का मौका नहीं देती है

गरीबी जान निकाल देती है
सपनों को कैद कर
आँखों से आँसू निकाल देती है
पेट कि आग को भात-भात कह कर मौत देती है

कोयले के खदान में एक भूत देखा
कालिख से पूता हुआ था
कोयले के खदान में आग लगा था
पर शायद उस भूत के पेट में आग लगा था
सरकार इसे कोयला चोरी कहती है
लेकिन भूल जाती है अपने किये हुए वादे!!!
कोई भूखे पेट नहीं सोएगा!!!
कोई बेघर नहीं रहेगा!!!
बाल मजदूरी रूकेगी!!!
गरीबी मिटेगी!!!

पगड़ी वाले से चाय वाला आ गया
पर कभी किसी को
गरीबी-बेरोजगारी-भुखमरी के लिए गठबंधन करते नहीं देखा गया!!!
वादों से आपनी झोली भरना आता है इन्हें
पर भूखे का पेट भरना नहीं आता है

गाँव से गुजर रहा था
एक झोपड़ी के बाहर सुस्वागतम् लिखा था
शहर आया, और देखा
एक अलीसान मकान के बाहर कुत्ते से सावधान लिखा था
आप भी देख सकते हो
गरीब के पास धन कि दरिद्रता
परंतु उसका ह्रदय दरिद्र नहीं है

किसी कि बाहरी चमक से उसकी पहचान नहीं होती
उसकी सोच, ह्रदय का भाव मायने रखता है

किसी गरीब ने सच ही कहा था

मेरी ये भूख भी पेट से है मालिक
हो सके तो इसका भी गर्भपात करवा दो

Image credit SG16

Author:

I am Ashish Kumar. I am known as Shanky. I was born and brought up in Ramgarh, Jharkhand. I have studied Electronics and Communication Engineering. I have written 10 books. I have come to know so much of my life that life makes me cry as much as death. Have you heard that this world laughs when no one has anything, if someone has everything, this world is longing for what I have, this world. Whatever I am, I belonged to my beloved Mahadev. What should I say about myself? Gradually you will know everything.

44 thoughts on “गरीबी…..!!!

  1. Intense and love this line … गाँव से गुजर रहा था
एक झोपड़ी के बाहर सुस्वागतम् लिखा था
शहर आया, और देखा
एक अलीसान मकान के बाहर कुत्ते से सावधान लिखा था

    Liked by 2 people

  2. वाह! आशीष भाई बहुत कमाल की रचना।
    दुःख, दर्द, वास्तविकता के शब्दों संग्रह पिरोया है, सुंदर प्रस्तुति!
    बहुत शुभकामनाएं आपको।

    Liked by 1 person

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.